अम्बिकापुर . छत्तीसगढ के आदिवासी इलाके मे तेंदू पत्ता अजीविका का सबसे बडा और सशक्त माध्यम है… आदिवासी बाहुल्य सरगुजा जिले मे भी खासकर आदिवासी वर्ग के लोग तेंदू पत्ता खरीदी सीजन का बेशब्री मे इंतजार करते है.. लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के इस बडे अजीविका के साधन के साथ इस बार खिलवाड हो रहा है.. और सरगुजा जिले के मैनपाट मे तेंदू पत्ता खरीदी का काम बंद हो गया है.. जिससे वहां से तेंदू पत्ता संग्राहको मे काफी आक्रोश है.. आक्रोश का आलम ये है कि खरीदी बंद होने से आज महिलाओ ने विरोध स्वरूप वन विभाग के कार्यालय के घेराव कर दिया..
जानकारी के मुताबिक सरकार की नई नीति के तहत इस बार तेंदू पत्ता सीधे ठेकेदार द्वारा खरीदा जाना है.. वन विभाग या वन प्रबंधन समिति इस बार केवल खरीदी की निगरानी कर सकेगा.. लिहाजा ठेका प्रथा के माध्यम से मैनपाट के कमलेश्वरपुर लघु वनोपज समिति का पूरा ठेका राजनांदगांव के किसी ठेकेदार ने लिया है… इस ठेकेदार के द्वारा खरीदी के दो दिनो तक तेंदू पत्ता संग्राहको से तेंदू पत्ता खरीदा गया.. लेकिन उसके बाद खरीदी बंद कर ठेकेदार के आदमी लापता हो गए… जिस कारण तेंदू पत्ता बाहुल्य मैनपाट इलाके मे तेंदूपत्ता एकत्र करने वाली महिलाओ मे काफी आक्रोश है… इसी वजह से आज दर्जन भर से अधिक महिलाओ ने अपना विरोध प्रकट किया और वन विभाग के कार्यालय का घेराव कर दिया…
गौरतलब है कि अपनी खूबसूरती के लिए विख्यात मैनपाट इलाके मे तेंदूपत्ता और विभिन्न वनोपज काफी मात्रा मे होता है.. जिसको तोडने और बेचने के बाद कई परिवार का राशन पानी चलता है… सरकार की नई नीति के मुताबिक छत्तीसगढ़ में साल 2021 में तेंदूपत्ता संग्रहण दर 4 हजार रुपये प्रति मानक बोरा निर्धारित की गई है. राज्य में तेंदूपत्ता संग्रहण के काम से करीब 13 लाख आदिवासी-वनवासी संग्राहक परिवारों को सीधा-सीधा फायदा मिलना है… मई और जून में दो महीने के भीतर संग्राहकों को 668 करोड़ रुपये संग्रहण पारिश्रमिक दिया जाएगा. लेकिन मैनपाट की स्थिती को देखकर लगता है कि यहां के तेंदू पत्ता संग्राहको के हक मे डांका डाला जा रहा है…
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाल ही में जिलेवार कोरोना संक्रमण की स्थिति के संबंध में ली गई समीक्षा के दौरान, राज्य में लघु वनोपजों के संग्रहण के काम को जारी रखने को कहा था. ताकि जरुरतमंदों को रोजगार के लिए भटकना न पड़े. इनमें लघु वनोपजों के संग्रहण के दौरान कोविड-19 के गाइडलाइन और जरूरी सावधानियां का पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है. इस संबंध में वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी को सभी वन मंडलों में आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.