Surajpur: शिक्षक स्वयं शिक्षक ही रहता है जब कि उसके पढ़ाए छात्र उससे ऊँचा स्थान प्राप्त कर सकते है। एक श्रेष्ठा शिक्षक रोज सीखने का प्रयास करता है। नित नए गतिविधियों से अध्यापन का प्रयास करता है। शिक्षक छात्र की स्थिति को समझ कर स्तरानुसार शिक्षण प्रदान करता है।
आज के युग मे जब नैतिकता समाप्त हो रही है। शिक्षक ही नैतिक ज्ञान देकर छात्र में नैतिकता ला सकता है। शिक्षक की बात एवं विशेषता छात्र पूरे जीवन याद रखता है। आज के समय मे भी कुछ शिक्षक ऐसे है जो बच्चें के सर्वांगीण विकास पर कार्य कर रहे है एवं एक आदर्श पेश कर रहे है। ऐसे ही एक शिक्षक है रंजय सिंह जो प्राथमिक शाला सारसताल सोनगरा विकासखंड प्रतापपुर में पदस्थ है, कार्यभार ग्रहण करते ही विद्यालय में अकल्पनीय बदलाव देखने को मिले है जो अन्य शिक्षको के लिए अनुकरणीय है।
शिक्षक के प्रयास से हुए कुछ प्रमुख बदलाव का उल्लेख आज शिक्षक दिवस के दिन करना आवश्यक है –
शाला में दर्ज एवं उपस्थिति का बढ़ना –
शिक्षक के पदस्थापना के बाद से ही बच्चों को स्तरानुसार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना आरम्भ किया। जिसका यह परिणाम रहा कि अशासकीय विद्यालय में अध्ययनरत छात्रों के पालक भी इस शासकीय विद्यालय में नाम दर्ज करा कर अध्यापन करा रहे है। जिससे दर्ज सँख्या में निरंतर बृद्धि हो रहा है।
बच्चों से मित्रवत व्यवहार –
शिक्षक द्वारा सभी बच्चों से मित्रवत व्यवहार करते है। जिसका यह परिणाम हो रहा है कि बच्चे बेझिझक अपनी बात शिक्षक के पास रखते है।।शिक्षक स्वयं बच्चो के साथ मिलकर खेलते भी है, जिससे बच्चों में उत्साह बना रहता है।
संस्कारयुक्त शिक्षण –
शिक्षक की पदस्थापना के बाद से बच्चो को संस्कारयुक्त शिक्षण दिये जाने के कारण बच्चों के रहन सहन में बहुत बदलाव हुआ अब सभी छात्र माता पिता एवं बड़ो का चरण स्पर्श का रोज विद्यालय आ रहे है एवं अपने से बड़ो की बात भी मान कर घरेलू कार्यो में सहयोग कर रहे है।
खेल खेल में शिक्षा –
क्रिएटिव शिक्षक रंजय सिंह के द्वारा गीत कविता के साथ साथ विभिन्न प्रकार के खेल के माध्यम से नवीन प्रणाली से सीखाने का प्रयास किया जा रहा है। गतिविधियों से शिक्षण कराया जाता है, जो बच्चों के लिए रुचिकर शाबित हो रहा है।
साफ़ सफाई पर विशेष ध्यान –
प्राथमिक शाला में अनुशासन एवं साफ़ सफाई पर विशेष ध्यान है। सभी बच्चों को शौचालय के उपयोग की आदत डाला गया है। सभी छात्र नियमित विद्यालय में शौचालय का उपयोग करते कोई भी छात्र बाहर नही जाते है। शौच के बाद नियमित साबुन से हाथ धोते है साथ ही मध्यान्ह भोजन के पूर्व भी कतारबद्ध होकर हाथ एवं थाली गिलास धोते है एवं सप्ताह में अनिवार्य रूप से नेलकटर से नाखून काटने की आदत विकसित की गई है। विद्यालय में तेल साबुन कंघी की व्यवस्था है। जिसका उपयोग बच्चें करते है।
भोजन मंत्र के साथ सभी एक साथ करते है भोजन –
यहां अध्ययनरत सभी छात्र एक साथ बैठकर संस्कृत के कठिन मंत्रों जा उच्चारण कर भोजन एक साथ करते है। सभी बच्चों हेतु पीने के पानी की भी व्यवस्था बनाई गई है।
वृहद किचन गार्डन विकसित –
शिक्षक द्वारा विशेष प्रयास कर अभिभावकों के सहयोग से शाला के आसपास की रिक्त भूमि का घेरावा कर वृहद किचन गार्डन विकसित किया गया है। जिसमे मौसमी ताजी सब्जी छात्रों को मध्यान्ह भोजन में मिल जाता है। साथ ही बच्चों में कृषि के भाव भी जागृत हो रहा है। किचन गार्डन के लिए बीज पौधा की व्यवस्था अभिभावकों द्वारा सहयोग से की जाती है। अभी वर्तमान में केला,पपीता,भिंडी निकल रहा है एवं बरबट्टी, लौकी, कोहड़ा, सेमी लगाया गया है, जो बहुत जल्द फल देने की स्थिति में है।
प्रिन्टरीच बाताबरण का निर्माण –
शिक्षक द्वारा विशेष प्रयास कर शाला में रोचक पेंटिंग कराकर प्रिन्टरीच बाताबरण निर्मित किया है। जिसमे दिनों के नाम,माह के नाम, दिशाओं के नाम, फलों के नाम,पक्षियों के नाम, पानी के जीओ के नाम, जंगली जानवर, पालतू जानवर के नाम, सब्जियों के नाम, शरीर के अंगों के नाम, रंगों के नाम, परिवार के सदस्यों के नाम हिंदी अंग्रेजी में है। जिसका सबसे बड़ा फायदा है कि लगभग सभी बच्चो को दीवाल पर लिखे गए शैक्षिक गतिविधियों की समझ बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण की राशि से बच्चों को स्टेशनरी वितरण –
प्राथमिक शाला सारसताल के शिक्षक रंजय सिंह को उत्कृष्ट कार्य के लिए गणतंत्र दिवस एवं शिक्षक दिवस के अवसर मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण से पुरस्कृत किया गया है। शिक्षक द्वारा पुरस्कार प्राप्त होने का श्रेय अपनो बच्चो को देकर पुरस्कार की राशि से सभी बच्चो को आवश्यक स्टेशनरी का वितरण किया गया जो एक अनुकरणीय उदाहरण है।
कोरोना काल मे रिकार्ड ऑनलाइन क्लास –
कोरोना के कारण मार्च 20 में सभी विद्यालय बंद हो गया उस विपरीत परिस्थितियों में भी ऑनलाइन में छोटे छोटे बच्चो को जोड़कर शिक्षा दिया गया जो प्रदेश में शिक्षक का कार्य सर्वश्रेष्ठ कार्य रहा साथ ही मोहल्ला क्लास भी लगाया गया आवश्यक मास्क निःशुल्क वितरण किया गया कोरोना से जागरूक कर टीकाकरण एवं अन्य कार्यो में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया गया है।
शोसल मीडिया में भी उपलब्ध –
प्राथमिक शाला में हो रहे छात्र हित के कार्य सोशल मीडिया यूट्यूब एवं फेसबुक पर भी शिक्षक द्वारा प्रदर्शित किया जा रहा है। जिसे देखकर दूसरे लोग भी सिख रहे है।