Surajpur Crime News: अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझी, पुलिस ने नाबालिग समेत 3 को किया गिरफ्तार

Surajpur Crime News: सूरजपुर जिले के ओड़गी थाना में एक शिकायत मिला था कि, 15 जून को ग्राम बिलासपुर का रहना वाला मुन्ना राजवाड़े अपने लड़का धीरेन्द्र उर्फ छोटू 12 जून को घर से बिना बताए कहीं चला गया था। आज पता चला कि लड़का महान नदी ढेगरादह ग्राम कुपा में मृत पड़ा हैं। सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम किया था। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव पंचनामा के बाद मृतक का पीएम कराया। पीएम रिपोर्ट की क्यूरी कराने पर डॉक्टर के द्वारा हाथ, मुक्का, लात से मृतक को लगी चोट आ सकता हैं। लेख किए जाने पर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अपराध क्रमांक 38/23 धारा 302, 201 भादसं के तहत् मामला पंजीबद्ध किया गया।

पुलिस महानिरीक्षक, सरगुजा रेंज रामगोपाल गर्ग के सतत् मार्गदर्शन में पुलिस अधीक्षक आई कल्याण एलिसेला ने अज्ञात आरोपी की पतासाजी कर जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। थाना ओड़गी पुलिस के द्वारा मामले की विवेचना के दौरान संदेही सुखसाय, राजकुमार व 1 विधि से संघर्षरत् बालक को पकड़ा गया। पूछताछ पर सुखसाय ने बताया कि उसका प्रेमसंबंध 11 वर्ष से एक लड़की से था। जबकि, वह लड़की शादीशुदा थी, उसके पति के द्वारा सुखसाय का फोटो देखकर पता लगाया और पत्नी का संबंध इससे होने की जानकारी पर उसे छोड़ दिया। उसके बाद लड़की का धीरेन्द्र उर्फ छोटू से प्रेमसंबंध हो गया। दिनांक 12.06.23 को इसने फोन कर लड़की को छोड़ देने की धमकी भी दिया, उसी दिन महान नदी में लड़की और धीरेन्द्र को नहाने की जानकारी मिली। धीरेन्द्र घर जाने लगा तब यह अपने साथी राजकुमार और विधि विरूद्ध संघर्षरत् बालक तीनों ने धीरेन्द्र को लात, घुसा से मारा और गला दबाया और हत्या कर दिया। उसी रात्रि में तीनों ने रस्सी से बांधकर मृतक को उठाकर ले जाकर महान नदी में पत्थर बांधकर गहरे पानी में डाल दिया। आरोपियों के निशानदेही पर मृतक का चप्पल व घटना में प्रयुक्त पत्थर जप्त कर आरोपी सुखसाय सिंह पिता पुरूषोत्तम सिंह उम्र 23 वर्ष, राजकुमार प्रजापति पिता गंगाराम प्रजापति उम्र 23 वर्ष निवासी ग्राम खर्रा, थाना ओड़गी तथा एक विधि विरूद्ध संघर्षरत् बालक को गिरफ्तार किया गया।

कार्यवाही एसडीओपी ओड़गी राजेश जोशी के नेतृत्व में थाना प्रभारी ओड़गी एन.के.त्रिपाठी, एएसआई विदवाराम यादव, प्रधान आरक्षक सोहन लाल पावले, बहादूर सिंह, आरक्षक जितेन्द्र पटेल, हृदय राजवाड़े, गोरख राजवाड़े, रामप्रसाद, अशोक केंवट व अमरेन्द्र दुबे सक्रिय रहे।