Surajpur Double Murder Case, Kuldeep Sahu: सूरजपुर। सूरजपुर में हुए हेड कॉन्स्टेबल तालिब शेख की पत्नी और बेटी की निर्मम हत्या के बाद अब प्रशासन ने मास्टरमाइंड कुलदीप साहू के परिवार पर बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। सोमवार सुबह से ही कुलदीप साहू के पिता और चाचा की करीब 150 डिसमिल (1.5 एकड़) जमीन पर बने अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जा रहा है।
प्रशासन द्वारा यह कार्रवाई अवैध निर्माण के खिलाफ सख्त कदम के रूप में की जा रही है, जहां नगर पालिका ने पहले ही 15 अक्टूबर को नोटिस जारी कर दिया था।
तीन टीमें तैनात, कड़ी सुरक्षा में कार्रवाई
रविवार रात को ही प्रशासन ने तीन टीमें तैनात कर दी थीं, जो सोमवार सुबह 5 बजे से कड़ी सुरक्षा के बीच अवैध निर्माण को हटाने में जुट गईं। कार्रवाई का अभी तक कोई विरोध सामने नहीं आया है, और अवैध निर्माण तेजी से गिराए जा रहे हैं।
छह जगहों पर अवैध निर्माण
सूरजपुर नगर पालिका द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, कुलदीप साहू के पिता अशोक साहू और चाचा संजय साहू के नाम पर सूरजपुर में छह अलग-अलग जगहों पर अवैध निर्माण पाए गए हैं। इन सभी निर्माणों के लिए नगर पालिका ने उन्हें 15 अक्टूबर को नोटिस दिया था। नोटिस में कहा गया था कि निर्माण छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 187 (क) का उल्लंघन करता है, और इसे स्वयं हटा लिया जाए, अन्यथा प्रशासन कार्रवाई करने को मजबूर होगा।
राजस्व विभाग के सूत्रों के मुताबिक, वार्ड क्रमांक-7 में कुलदीप साहू के पिता अशोक साहू के पास 2.25 डिसमिल जमीन का पट्टा है, जबकि 60 डिसमिल जमीन पर अवैध मकान और अन्य निर्माण किया गया है। इसके अलावा, कुलदीप के पास रिंग रोड मानपुर में 37 डिसमिल, मानपुर मोहल्ले में 25 डिसमिल, कब्रिस्तान मोहल्ले में 25 डिसमिल और ग्राम तिलसिवां में 25 डिसमिल जमीन है।
चाचा के मकान पर भी कार्रवाई
नगर पालिका प्रशासन ने कुलदीप के चाचा संजय साहू के वार्ड क्रमांक-7 स्थित अवैध मकान पर भी नोटिस चस्पा किया है। प्रशासन का कहना है कि सभी अवैध निर्माणों को गिराया जाएगा।
13 अक्टूबर की रात कुलदीप साहू ने NSUI जिलाध्यक्ष सीके चौधरी और रिंकू सिंह के साथ मिलकर हेड कॉन्स्टेबल तालिब शेख की पत्नी और बेटी की चाकू से हत्या कर दी थी। उनके शवों को आरोपियों ने एक कार में डालकर 5 किलोमीटर दूर खेत में फेंक दिया था।
इस जघन्य हत्याकांड के बाद, आक्रोशित भीड़ ने कुलदीप के घर और गोदामों में आग लगा दी थी। मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठने के बाद सूरजपुर के एसएसपी एमआर आहिरे को हटा दिया गया था।
इस मामले में सरगुजा आईजी अंकित गर्ग के निर्देश पर बैकुंठपुर एएसपी मोनिका ठाकुर और बलरामपुर के एसडीओपी एमानुएल लकड़ा के नेतृत्व में जांच टीम का गठन किया गया है। जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट पूरी कर ली है, और मुख्य आरोपी को पुलिस संरक्षण देने के आरोपों की जांच की जा रही है।