रायपुर। छत्तीसगढ़ का राज्यगीत ‘अरपा पैरी के धार’ को अब स्कूलों में प्राथर्ना में शामिल किया जाएगा। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी जिला शिक्षा कार्यालय में पत्र भेजकर जानकारी दी है।
इस गीत के रचयिता स्व. नरेंद्र देव वर्मा हैं। इस गीत को राज्योत्सव के तीसरे दिन (03 नवंबर) को छत्तीसगढ़ का राज्यगीत घोषित किया गया। लोक कलाकारों में यह गीत बेहद प्रचलित है।
अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) November 4, 2019
इंद्रावती हा पखारय तोर पइयां….
यह महज एक सुयोग है कि गत दिवस राज्योत्सव के तीसरे दिन इस गीत को राजगीत घोषित किया गया और आज इस गीत के रचयिता डॉ. नरेंद्र देव वर्मा जी की जन्म जयंती भी है।
पढ़ें- https://t.co/DqJ0unslXF pic.twitter.com/6nnDpflmhZ
यह है वह गीत
अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार
इंदिरावती हर पखारय तोरे पईयां
महूं विनती करव तोर भुँइया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया
सोहय बिंदिया सही, घाट डोंगरी पहार
चंदा सुरूज बने तोरे नैना
सोनहा धान अइसे अंग, लुगरा हरियर हे रंग
तोर बोली हवे जइसे मैना
अंचरा तोर डोलावय पुरवईया
सरगुजा हे सुग्घर, तोरे मउर मुकुट
रायगढ़ बिलासपुर बने तोरे बजहा
रयपुर कनिहा सही, घाते सुग्गर फबय
दुरूग बस्तर बने पैजनियाँ
नांदगांव नवा करधनियाँ
महूं विनती करव तोर भुँइया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया।