छत्तीसगढ़ का राज्यगीत…’अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार’.. अब स्कूलों में प्रार्थना में किया जाएगा शामिल!…

रायपुर। छत्तीसगढ़ का राज्यगीत ‘अरपा पैरी के धार’ को अब स्कूलों में प्राथर्ना में शामिल किया जाएगा। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी जिला शिक्षा कार्यालय में पत्र भेजकर जानकारी दी है।

इस गीत के रचयिता स्व. नरेंद्र देव वर्मा हैं। इस गीत को राज्योत्सव के तीसरे दिन (03 नवंबर) को छत्तीसगढ़ का राज्यगीत घोषित किया गया। लोक कलाकारों में यह गीत बेहद प्रचलित है।

यह है वह गीत

अरपा पैरी के धार महानदी हे अपार
इंदिरावती हर पखारय तोरे पईयां
महूं विनती करव तोर भुँइया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया
सोहय बिंदिया सही, घाट डोंगरी पहार
चंदा सुरूज बने तोरे नैना
सोनहा धान अइसे अंग, लुगरा हरियर हे रंग
तोर बोली हवे जइसे मैना
अंचरा तोर डोलावय पुरवईया
सरगुजा हे सुग्घर, तोरे मउर मुकुट
रायगढ़ बिलासपुर बने तोरे बजहा
रयपुर कनिहा सही, घाते सुग्गर फबय
दुरूग बस्तर बने पैजनियाँ
नांदगांव नवा करधनियाँ
महूं विनती करव तोर भुँइया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया