[highlight color=”black”]कोरिया[/highlight][highlight color=”red”]सोनहत से राजन पाण्डेय [/highlight]
जिले के सोनहत विकासखंड को खुले में शौच से मुक्त करने सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार स्वतंत्रता दिवस के दिन इसकी घोषणा भी हो सकती है। इसी घोषणा के बाद सोनहत विकासखंड जिले का पहला खुले में शौच से मुक्त विकासखंड बन जावेगा। इस संबंध में अलग अलग ग्राम पंचायतों के सरपंच सचिवों एवं जनपद अध्यक्ष नंजू देवी ने जानकारी देते हुए बताया की विकासखंड के 32 ग्राम पंचायतों के लगभग 104 गांवों के हर घर में शौचालय बन चुके हैं और वहां के नागरिकों ने खुले में शौच करना बंद कर दिया है. हालांकि, हलाकी वनांचल क्षेत्र के कुछ ग्रामों में कुछ समस्यांए जरूर है लेकिन बावजूद इसके औसतन सभी घरों में शौचालय निर्माण कराने पूर्ण पयास किया गया है। जनपद अध्यक्ष नंजू देवी जनपद सदस्य नवरतन पाण्डेय एवं समय लाल ने जानकारी देते हुए बताया की यह उपलब्धि प्रदेश में सबसे अलग है जिसमें समस्त अधिकारी कर्मचारी एवं जनता के सहयोग से इसे प्राप्त किया गया है. उन्होंने कहा कि सोनहत आने वाले समय में प्रदेश के अन्य जिलों एवं ब्लाक के लिए रोल मॉडल बनेगा.
रंग लाई कलेक्टर की कवायद
कलेक्टर कोरिया एस प्रकाश ने गांवों में सफाई रखने और खुले में शौच नहीं जाने की अपील कर चुके हैं. कलेक्टर ने जिला और ब्लॉक स्तर के निरीक्षण दल की कार्यप्रणाली भी देखी साथ ही शौचालय के संबंध में कलेक्टर कोरिया ने जिले के अमले के साथ कई बार वनांचल क्षेत्रों एवं समस्त ग्राम पंचायतों का दौरा भी किया था।
चलाए गए जागरूकता अभियान
शौचालय निर्माण के लिए प्रेरित करने एवं खुले में शौच से मुक्त करने के लिए कई बार प्रशासन द्वारा कभी मशाल रैली कभी नुक्क्ड़ सभा तो कभी निबंध लेखन आदी के माध्यम से जगरूकता अभियान चलाए गए और आगे भी चलाए जाते रहेंगे
लग रहा अर्थ दंड
ग्राम पंचायत सोनहत समेत रामगढ सिंघोर एवं अन्य पंचायतों में कई जगह लोगों को खुले में शौच करते पाए जाने पर अर्थ दंड लगा कर दंडित भी किया जा चुका है ग्राम सरपंच एवं सचिवों की माने तो जो भी व्यक्ति खुले में शौच करते पाया जावेगा उसे ग्राम सभा में लिए गए निर्णय अनुसार निर्धारित जुर्माना देना होगा ।
वनांचल क्षेत्रों में परेशानी
वनांचल क्षेत्रों में शौचालय जरूर बनाए गए है लेकिन कुछ जगहों पर पानी की समस्या के चलते परेशानी हो सकती है साथ कुछ ऐसे भी पहुच विहीन स्थान है जहां पर सिमित संसाधनों के कारण निर्माण थोड़ा कमजोर हुआ है लेकिन बावजूद इसके प्रशासन ने अपने तरफ से वहां पर भी शौचालय निर्माण करा दिया है।