
सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के सुदूरवर्ती अंचलों में अब अंधकार नहीं, बल्कि सौर ऊर्जा की नई रोशनी गाँव-गाँव जगमगा रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व और महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े की पहल से सूरजपुर जिले के ग्रामीणों को बिजली आपूर्ति की गंभीर समस्या से राहत मिली है।
महुली ग्राम के स्कूलपारा, चौरा पारा और खास पारा में स्थापित 10-10 किलोवॉट क्षमता वाले सौर संयंत्रों की बैटरियाँ बदली गईं। इन संयंत्रों के शत-प्रतिशत कार्यशील होने से अब 150 से अधिक परिवारों के घरों में पूरी रात बिजली उपलब्ध है। बच्चों को पढ़ाई के लिए उजाला मिल रहा है, महिलाएँ सुरक्षित महसूस कर रही हैं और गाँव की गतिविधियाँ रात तक सुचारू रूप से चल रही हैं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने “सभी के लिए ऊर्जा” नीति के तहत स्पष्ट निर्देश दिए थे कि ग्रामीण अंचलों में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। साथ ही महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री एवं भटगांव विधायक लक्ष्मी राजवाड़े के प्रयासों से इसी दिशा में अब बाँकी और खोड़ जैसे गाँवों में भी सुधारात्मक कार्य प्रारंभ किया गया है। यहाँ 07 सौर संयंत्रों के लिए 372 नई बैटरियों की स्थापना की जा रही है, जिससे सैकड़ों परिवार लाभान्वित होंगे।
भटगांव विधानसभा क्षेत्र में भी लगभग 60 लाख रुपये की लागत से इन्वर्टर और बैटरियाँ स्वीकृत हुई हैं। यह कार्य विशेष रूप से तमोर पिंगला अभ्यारण्य और गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र जैसे दूरस्थ वनांचलों के लिए बड़ी राहत साबित होगा। यहाँ के ग्रामीणों को पहली बार स्थायी और भरोसेमंद बिजली सुविधा मिलेगी। यह पहल केवल तकनीकी सुधार भर नहीं है, बल्कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के संवेदनशील नेतृत्व का परिणाम है, जो ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भरता की नई गाथा लिख रही है।