रायपुर. महात्मा गांधी पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में गिरफ्तार किये गये कालीचरण महाराज के खिलाफ राजद्रोह का मामला भी दर्ज कर लिया गया है. कालीचरण की गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने भी इसकी जानकारी साझा की है. इसके बाद अब कालीचरण की मुश्किलें बढ़ गई हैं. वहीं इस मसले को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में सियासी घमासान शुरू हो गया है. बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अपने ट्वीटर हैंडल पर #ReleaseKalicharanMaharaj का इस्तेमाल करते हुये कालीचरण को रिलीज करने की मांग की है.
एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने कालीचरण के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने की पुष्टी करते हुये कहा कि कालीचरण के खिलाफ पूर्व में सीआरपीसी की धाराओं के तहत विधि सम्मत कार्रवाई की गई थी. कालीचरण के खिलाफ भादवि की धारा 294, 505(2) का अपराध दर्ज किया गया था. मामले की जांच के बाद साक्ष्यों के आधार पर भादवि की 153 A (1)(A), 153 B (1)(A), 295 A ,505(1)(B),124A की धारा बढ़ाई गई है.
कालीचरण की गिरफ्तारी को लेकर उपजे विवाद के बाद राज्य सरकार ने इसकी जानकारी साझा करते हुये बताया कि 26 दिसंबर को रावनभाठा के धर्म संसद में दिए गये विवादित व्याख्यान पर थाना टिकरापारा में कालीचरण के खिलाफ धारा 294, 505(2) भादवि का अपराध दर्ज किया गया था. विवेचना के दौरान साक्ष्यों के आधार पर धारा 153 A (1)(A), 153 B (1)(A), 295 A,505(1)(B), 124A भादवि का भी समावेश किया गया है.
अपराध पंजीबद्ध होने के बाद से कालीचरण अपना फोन बंद कर फरार हो गया था. आरोपी कालीचरण की गिरफ्तारी के लिए रायपुर पुलिस की अलग अलग टीम मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और दिल्ली के लिये रवाना की गई थी. सभी संभावित स्थानों पर तलाश के बाद मध्यप्रदेश की टीम को आरोपी कालीचरण के खजुराहो में होने की जानकारी मिली थी. इसके आधार पर खजुराहो से 25 km दूर बागेश्वर धाम के पास एक व्यक्ति के घर से जहां कालीचरण किराया से रह रहा था वहां से उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपी के वकील को इसकी सूचना दी गई है. इसके साथ ही बताया गया है कि कालीचरण को 24 घंटे के भीतर रायपुर पुलिस की ओर से उसे कोर्ट में पेश किया जायेगा.
इस मामले को लेकर कांग्रेस के प्रवक्ता आरपी सिंह ने बयान देते हुये कहा कि कालीचरण की गिरफ्तारी में पुलिस ने विधिक प्रक्रिया का पालन किया है. कालीचरण मूलतः मध्यप्रदेश के निवासी नहीं हैं. इसलिए पुलिस को सूचना देना आवश्यक नहीं था. गिरफ्तारी के बाद उनके वकील को सूचना दी गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बयान से स्पष्ट है बीजेपी महात्मा गांधी के हत्यारे के साथ है.