अम्बिकापुर देश दीपक”सचिन”
देश में चाइना के विरोध के बाद लोगो द्वारा चाइना सामानों की खरीद बिक्री ना करने की अपील के बाद सरगुजा में इसका खासा असर देखा गया। अम्बिकापुर की बाजारों में चाइना लाईट व सजावट के सामानों की दुकाने तो सजी लेकिन इनको बेचने वाले नुक्सान झेल रहे है। लोग दीपावली के पर्व को मनाने के लिए इस वर्ष चाइना के सामान नहीं खरीद रहे है लिहाजा चाइना सामान बेचने वाले पूंजी लगा कर बुरी तरह फंस गए है। बिक्री ना के बराबर होने के कारण इन दुकानदारों को पूंजी निकलना भी मुश्किल हो रहा है। वही भारतीय परम्परा के अनुसार मिट्टी के दियो की बिक्री जोरो पर है। जिससे गाँव के गरीब लोगो की दीवाली इस बार सही मायनों में दीवाली होगी। पारंपरिक मिट्टी के दीयों की जहां बिक्री बढ़ गई है वही बड़ी हुई बिक्री के कारण दिए की उपलब्धता भी कम होने के कारण इन दियो का दाम भी दोगुने से अधिक हो चुका है। परिणाम स्वरुप गरीब ग्रामीण जो हर वर्ष दीपावली में चाइना सामानों की तेज बिक्री के आगे मुह ताके बैठे रह जाते थे इस वर्ष उनकी स्थिति बेहतर है और इन लोगो में खुसी का माहौल है।
अफफाक आलम…विक्रेता चाइना सामान
चाइना सामान के विक्रेता ने बताया की हर वर्ष वो इस व्यवसाय से अच्छा मुनाफ़ा कमाते थे लेकिन इस वर्ष बिक्री बहोत कम है जितना माल खरीदे थे लगभग सभी बचा हुआ है और पूंजी भी निकलना मुश्किल हो गया है। लिहाजा अगले वर्ष से ये भी चाइना सामान नहीं बेचेंगे।
आशा..पारम्परिक दियो की विक्रेता
पारंपरिक मिट्टी के दियो की विक्रेता ने बताया की वो पिछले 30 वर्षो से दीवाली में दिए बेचती है लेकिन इस वर्ष लोग अधिक मात्रा में दिए खरीद रहे है जिससे दिया उपलब्ध कराना भी मुश्किल हो रहा है। इन्होने बताया की पिछले वर्ष दिया 30 रुपये सैकड़ा बिक रहा था लेकिन इस वर्ष 80 रुपये सैकडे से शुरू हो कर 140 रुपये सैकड़े तक दिया बिक रहा है। जिससे दिया बनाने व बेचने वाले गरीब लोगो की आमदनी बड़ी है।
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