सारंगढ़-बिलाईगढ़. जिले के जंगलो में लाल पलाश के साथ दुर्लभ सफेद और पीला पलाश पाया गया है। जानकर इस फूल की खोजकर पूजा उपरांत जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क प्रदान कर रहे। फागुन में पलाश के फूल जमकर खिलते हैं। फूल का सिंदूरी रंग होने के कारण ऐसा लगता है, जैसे जंगल में आग लगी हो। इससे हटकर जिले में दुर्लभ माना जाने वाला सफेद और पीला पलाश भी फूल रहा है। कौतूहल और आस्था के कारण दूर-दूर से लोग इस दुर्लभ पेड़ और इसके फूल को देखने पहुंच रहे हैं। यह पेड़ जिला मुख्यालय से लगभग 40 किमी दूर गोमर्डा क्षेत्र के जंगल में है। पलाश का फूल सफेद होने से इसे दुर्लभ माना जाता है। जिला घने वनों से आच्छादित है जहां सागौन, साल, बीजा के अलावा पलाश के पेड़ों की भरमार है, लेकिन सफेद पलाश का एकमात्र पेड़ गोमर्डा के जंगल में है।
इसके फूल पाने के लिए लोग यहां पहुंचते हैं। लोगों का मानना है कि यह फूल चमत्कारी होता है। लोग इसे श्रद्घा और विश्वास के साथ घर लाकर पूजन कक्ष में स्थापित करते हैं। तंत्र शास्त्र में इस वृक्ष के फूल से यंत्र बनाने का प्रयोग बताया गया है, जो धन लक्ष्मी के लिए कारगर बताया गया है।
जानकारों की माने तो यह फूल आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए चमत्कारी है। नगर स्थित खड़गेश्वर नाथ मंदिर के पुजारी विद्यानन्द भारती के अनुसार उनकी वर्षों प्रयास के बाद उन्हें यह दुलर्भ सफेद, पीला पलाश का पेड़ मिला, जिसके बाद से इस फूल की पूजा कर निरंतर मंदिर में पहुचने वाले श्रद्घालुओं को भेंट कर रहे।