संदीप हत्याकांड: न्याय की मांग में हताश मृतक की पत्नी ने आत्मदाह की दी धमकी, राष्ट्रपति के नाम पत्र, पुलिस पर लापरवाही के गंभीर आरोप

अम्बिकापुर..(सीतापुर/अनिल उपाध्याय)..संदीप हत्याकांड के मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी और आठ सूत्रीय मांगों के पूरा न होने से आहत मृतक संदीप लकड़ा की पत्नी सलीमा लकड़ा ने आत्मदाह की धमकी दी है। उन्होंने राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा, जिसमें कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए न्याय की गुहार लगाई। सलीमा का आरोप है कि घटना के तीन महीने बीत जाने के बाद भी उसे न्याय नहीं मिला, जिससे तंग आकर उसने अपने दो मासूम बच्चों के साथ आत्मदाह करने का निर्णय लिया है।

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हत्या और पुलिस की कार्यवाही पर सवाल

यह मामला 7 जून का है जब बेलजोरा निवासी राजमिस्त्री संदीप लकड़ा की हत्या कर दी गई थी। हत्यारों ने उसका शव मैनपाट के ग्राम लुरैना में एक पानी की टंकी के नीचे दफना दिया था। संदीप की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने उसकी पत्नी और परिजन पुलिस थाने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने से मना कर दिया था। मामले ने तूल पकड़ा और पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस की शिनाख्ती के बाद संदीप का शव बरामद हुआ।

सर्व आदिवासी समाज का अनिश्चितकालीन धरना

इस हत्याकांड के बाद सर्व आदिवासी समाज ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और आठ सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया। मांगों में मुख्य आरोपी अभिषेक पांडेय की गिरफ्तारी, मृतक की पत्नी को नौकरी और दो करोड़ मुआवजा शामिल थे। तीन महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी जब कोई परिणाम नहीं निकला, तो मृतक की पत्नी ने रैली के रूप में एसडीएम कार्यालय पहुँचकर ज्ञापन सौंपा और आत्मदाह की अनुमति मांगी।

धरने में कांग्रेस नेताओं का समर्थन

धरना स्थल पर कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव जरिता लैथफलांग और पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने धरने को संबोधित किया। लैथफलांग ने राज्य की भाजपा सरकार पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमरा गई है। उन्होंने कांग्रेस द्वारा सलीमा लकड़ा को पूर्ण समर्थन देने की बात कही। वहीं, अमरजीत भगत ने कहा कि न्याय की उम्मीद अब धूमिल हो गई है, और प्रदेश में आदिवासी समाज को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि अगर आदिवासी समाज ने आंदोलन किया, तो शासन-प्रशासन की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।

धरना स्थल पर आदिवासी समाज की उपस्थिति पर सवाल

धरना स्थल पर कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता अधिक दिखाई दिए, जबकि सर्व आदिवासी समाज के प्रमुख चेहरे गायब थे। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आदिवासी समाज में भी मतभेद उभरने लगे हैं। ब्लॉक अध्यक्ष सुशील सिंह मरावी और प्रदेश उपाध्यक्ष परशुराम भगत के देर से आने के कारण भी आदिवासी समाज की उपस्थिति पर सवाल खड़े हुए। धरने के मंच का संचालन संतोष गुप्ता ने किया, और कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।