रायपुर.. सूबे मे पिछले दिनों हुए तबदालो को लेकर शिक्षा विभाग दमकर बदनाम हुआ था. जिसके बाद कांग्रेस के विधायक ने शिक्षा मंत्री और उनके आफिसर इन स्पेशल ड्यूटी OSD पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाकर प्रदेश की सियासत गर्म कर दी थी. और फिर ओएसडी राजेश सिंह को हटा दिया गया था. लेकिन एक बार फिर वो मामला तूल पकडने लगा है. उस मामले मे कोरिया जिले के विधायक और सरगुजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष गुलाम कबरो ने ओएसडी राजेश सिंह का बचाव किया है. और कहा है कि यह तो मंत्री जी का विशेषाधिकार का मामला है.. तबादले को लेकर कुछ विवाद की स्थिती निर्मित हुई थी. कुछ विधायको ने कहा था कि हमारे लोगों का तबादला नही हुआ है. जिस कारण से थोडा वाद विवाद हुआ था.. पर ऐसी कोई भ्रष्टाचार की बात नही हुई है. विधायक ने आगे कहा कि जब तक तथ्यात्मक परिणाम ना आए तब कुछ नही कहना चाहिए , वही बृहस्पति सिंह के आरोप वाली बात पर उन्होने कहा कि वो बृहस्पत सिंह ही बता सकते हैं. लेकिन भ्रष्टाचार के आरोप निराधार हैं.. इसके अलावा शिक्षा विभाग के तबादलों को लेकर उन्होने कहा कि हमने भी तबादला के लिए नाम दिया था. 10-12 लोंग का हुआ. और ये संभव नही है कि 100 प्रतिशत लोग का तबादला हो जाए.. नीचे सुनिए गुलाब कमरो का बयान.
प्रदेश में राज्य सरकार की तबादला नीति 15 जुलाई से शुरू हुई थी..और 15 अगस्त तक पूरी होनी थी..लेकिन उसे बढ़ाकर 23 अगस्त तक किया गया था.. और इसी बीच स्कूल शिक्षा विभाग व आदिम जाति कल्याण विभाग की तबादला सूची कांग्रेस के ही विधायको ने मोर्चा खोल दिया था..वही विधायक बृहस्पत सिह ने तो कई गम्भीर आरोप अपने ही मंत्री पर ही लगाए थे..तब पार्टी संगठन ने उनपर अनुशासन का डंडा चलाया था..और देखते ही देखते स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय साय सिह टेकाम के ओएसडी रहे राजेश सिंह को उन्ही की अनुशंसा पर हटा दिया गया था..और आज उनके दूसरे ओएसडी रहे डिप्टी कलेक्टर नवीन भगत को भी हटा कर उन्हें मूल विभाग में भेज दिया गया है..जिसके बाद घमासान मचा हुआ है..
देखिये..विधायक बृहस्पत सिंह ने लगाए थे आरोप