अम्बिकापुर नगर निगम में पदस्थ राजस्व अमले के द्वारा लाखो रुपये की अवैध वसूली किये जाने का आरोप पार्षद आलोक दुबे ने लागाया है.. उन्होंने जिले के प्रभारी मंत्री को दिए गए शिकायत पत्र में कर्मचारियों के नाम रसीद नंबर और वसूली गई राशी तक का विवरण दिया है.. यह वसूली नगर वासियों से सम्पत्ति व समेकित कर के नाम पर की गई है लेकिन पैसा नगर निगम में जमा नहीं किया गया था..
पार्षद आलोक दुबे ने पूर्व सरगुजा कमिश्नर टीसी महावर से इस संबध में शिकायत की थी.. और दस्तावेज देते हुए आरोप लगाए है की अंबिकापुर नगर निगम में पदस्थ राजस्व विभाग के प्रभारी अमरेश सिंह व उनके अधीनस्थ कर्मचारियों ने संपत्ति व समेकित कर की वसूली की है और उसे निगम के राजस्व में जमा नहीं किया है.. राशी भी कोई कम नहीं बल्की लगभग पचास लाख से अधिक का राजस्व जमा नहीं किया गया था.. साथ ही राजस्व प्रभारी पर निगम प्रशासन की विशेष कृपा होने के आरोप भी लगाए है..
इधर शिकायत के बाद मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जाँच दल गठित किया गया.. और जांच के डर से राजस्व वसूली की पूरी रशी जो 2011 से 2017 तक जमा नहीं की गई थी अचानक ही नगर निगम के कोष में जमा कर दी गई है.. इस सम्बन्ध में निगम कमिश्नर का कहना है की राशी तो जमा कर दी गई है लेकिन तीन सदस्यीय जांच टीम की रिपोर्ट आने के बाद मामले में कोई कार्यवाही की जायेगी..
बहरहाल अंबिकापुर नगर निगम में भ्रष्टाचार का खुला खेल किसी से छुपा नहीं है लेकिन किसी ने शिकायत नहीं की थी परिणाम स्वरुप निगम कर्मी जनता के पैसे से खुद की तकदीर बदलने में लगे हुए थे लेकिन जब जांच की आंच पडी तो पूरा राजस्व जमा कर दिया.. पर सवाल यह है की 2011 से कट रही रसीदों का पैसा इतने वर्षो तक कहा था निगम के खाते में क्यों जमा नहीं किया गया था क्या इस अपराध पर कोई कार्यवाही हो सकेगी..? इसका फैसला तो जाँच रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगा..