Unseasonal Rain In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में हुई बेमाैसम बारिश ने किसानों की चिंता नहीं बढ़ाई, धान के साथ-साथ सब्जियों काे भी भारी नुकसान पहुंचाया हैं। किसानों काे हुए संभावित नुकसान काे देखते हुए राज्य सरकार अलर्ट मोड़ पर आ गई हैं। इसको लेकर राजस्व विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टराें काे चिट्ठी लिखकर बारिश से हुए नुकसान का आंकलन कर रिपाेर्ट मांगी हैं। पत्र में कहा गया हैं कि, जिलों से रिपाेर्ट मिलने पर सरकार की ओर से किसानों व प्रभावितों को मुआवजे का ऐलान किया जाएगा। इसमें फसलों, सब्जियों, ग्रीष्मकालीन धान, मकानों की क्षति, बिजली गिरने से मौत आदि के प्रकरण शामिल हैं।
दरअसल, एक दो दिन को छोड़कर पूरे महीने भर मानसून जैसी बारिश ने ग्रीष्मकालीन धान, गेहूं सहित अन्य सब्जियों और फलाें काे काफी नुकसान पहुंचाया हैं। इसे लेकर विपक्ष भी मुखर हाे गया। किसानों की परेशानी काे समझते हुए राज्य शासन ने खुद ही पहल की हैं।
पत्र में बताया गया हैं कि, जिलों से जानकारी न मिलने पर राजस्व विभाग उन्हें रिमांइडर भेजने पर भी विचार कर रहा हैं। यह भी बताया गया हैं कि, कुछ जिलों में राजस्व अफसरों, तहसीलदारों, हार्टिकल्चर, कृषि अधिकारियों के साथ पटवारियों ने खेतों के दौरे तो किए हैं। लेकिन, आंकलन के बाद फिर से भारी वर्षा हो जाने के बाद जांच दलों की परेशानी बढ़ गई हैं।
ज्ञात हो कि, मौसम की खराबी का सबसे बड़ा असर सब्जियों पर पड़ा हैं। खड़ी फसलें भी ओलों व तेज हवाओं से बरबाद हो गई हैं। अप्रैल मई में बारिश से रबी फसल खराब होगी हैं। इनमें कीड़े लगने का भी खतरा हैं। इसके चलते किसानों के लिए राज्य सरकार ने गाइड-लाइन जारी किया हैं।