रायपुर. भाजपा ने रविवार को प्रेस वार्ता ली थी सरकार पर कई आरोप लगाए थे उसमें से एक आरोप था कि CMO के वेबसाइट में आज भी उपसचिव सौम्या चौरसिया का नाम दिखाता है, जबकि सौम्या को निलंबित कर दिया गया है, भाजपा ने सवाल किया था कि वास्तव में चौरसिया को निलंबित किया गया है कि नही ? बता दे कि राज्य सरकार की उपसचिव रही सौम्या चौरसिया पर ईडी ने शिकंजा कसा है और अब पूरा मामला कोर्ट में चल रहा है सौम्या की गिरफ्तारी भी हुई है। लेकिन अब भाजपा के सवाल उठाए जाने के बाद CMO के पेज से सौम्या चौरसिया का नाम हटा दिया गया है।
उक्त बातों पर बीजेपी लीडर ओपी चौधरी ने कहा कि – प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव जी ने प्रेस वार्ता लेकर यह खुलासा किया था कि सीएमओ के पोर्टल पर अभी तक सौम्या चौरसिया उप सचिव बनी हुई है। इस खुलासे के बाद शासन ने सीएमओ के पोर्टल से सौम्या चौरसिया का नाम तो चोरी-छिपे हटा दिया है, लेकिन किस आदेश के तहत अभी तक सौम्या मुख्यमंत्री की उप सचिव बनी हुई थी, और अब किस आदेश के तहत रातोंरात उनका नाम हटाया गया है, यह शासन को स्पष्ट करना होगा।
चौधरी ने कहा प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े इतने गंभीर मामले में पारदर्शिता की जरूरत है। जनता को यह जानने का अधिकार है कि महीनों पहले छपायी गयी निलंबन की खबर सही है या उस समाचार को तब झूठे तौर पर छपाया गया था।जब प्रदेश का सीएम कार्यालय ऐसी-ऐसी साजिशों में शामिल है, तब अन्य विभागों से किए घपलों की तो कल्पना ही की जा सकती है।
भाजपा फिर से यह दुहराती है कि पार्टी के खुलासे के बाद केवल पोर्टल से नाम हटा देना ही पर्याप्त नहीं है। शासन को मुख्यमंत्री की नजदीकी अधिकारी और उप सचिव रही सौम्या चौरसिया के निलंबन का आदेश, अगर उसे निलंबित किया गया है तो, जनता के बीच लाना ही होगा। अगर ऐसी कोई करवाई नहीं की गयी तो स्पष्टीकरण दें और अगर की गयी है तो कब, यह कांग्रेस सरकार स्पष्ट करे।
भाजपा प्रदेश महामंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा है कि कांग्रेस और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ईडी तथा अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियों पर लगातार आरोप लगा रहे हैं कि इन जांच एजेंसियों की कार्रवाइयाँ राजनीतिक हैं। अब प्रदेश कांग्रेस को यह स्पष्ट करना चाहिए कि भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद व्यापारी सूर्यकांत तिवारी, अधिकारी सौम्या चौरसिया और समीर विश्नोई कांग्रेस के किन पदों पर हैं, या कांग्रेस की राजनीति से उनका क्या संबंध है?चौधरी ने कहा कि यदि तिवारी, चौरसिया और विश्नोई जैसे लोगों का कांग्रेस की राजनीति से कोई संबंध नहीं है तो कांग्रेस को इस बात का भी जवाब देना होगा कि उन लोगों पर कार्रवाई करने का, साहस मुख्यमंत्री बघेल क्यों नहीं जुटा पा रहे हैं?