कोरोना से ठीक होकर दूसरों को भी हौसला दे रहे मरीज..

रायपुर।  कोरोना पाजिटिव होने की खबर मिलते ही लोग घबरा जाते हैं जबकि यह एक अच्छी बात है कि बीमारी का पता चल गया तो इलाज भी हो जाएगा। चिकित्सक कह भी रहे हैं कि जल्दी इलाज शुरू होने से बीमारी पूरी तरह ठीक हो जाती है। 

हीरापुर गुरूसिंघ सभा, टाटीबंध रायपुर के अध्यक्ष रंजोत सिंह कोरोना योद्धा के रूप मे जाने जाते है, जो दिन-रात सेवा कर प्रवासी श्रमिकों के लिए टाटीबंध चैक में भोजन व्यवस्था का पूरा प्रबंध देखते रहे रंजोत बताते है कि शुरूआती लक्षणों के महसूस होते ही चितिंत होना तो सामान्य था, पर उपचार कैसे होगा यह मुझे एवं मेरे परिवार को ज्यादा परेशान कर रहा था। 12 सितंबर को टेस्ट कराया और पाॅजिटिव रिपोर्ट आते ही आधे घंटे में नगर निगम की टीम सहायता के लिए पहुंच गई। चूंकि मुझमें कोरोना के लक्षण अब तक स्पष्ट तौर पर दिखाई नहीं दिए, इसलिए होम आइसोलेशन की तुरंत अनुमति देकर मेरे लिए चिकित्सक की तैनाती कर नगर निगम की टीम के माध्यम से जरूरी दवाएं उसी दिन शाम को ही भिजवा दी गई।  नियुक्त  डाॅक्टर ने दवाओं के संबंध में हर जरूरी जानकारी मुझे देकर मुझे हौसला दिया। जिला प्रशासन का कंट्रोल व डाॅक्टर रोज मुझसे चार बार बात कर स्वास्थ्य की जानकारी लेते रहे, यहीं कारण है कि कभी अकेलापन महसूस नहीं हुआ। स्वास्थ्य, नगर निगम अमले के साथ सेवाभावी चिकित्सक से लगातार संपर्क की वजह से मैं जल्द स्वस्थ अनुभव करने लगा। रंजोत कहते है कि कोरोना की बीमारी से लड़ने प्रशासन ने पूरी तैयारी रखी है। कोरोना पाॅजिटिव होने पर अपनी पूरी जानकारी दे, हर इमरजेंसी के लिए ख्याल रखने के लिए प्रशासन की बड़ी टीम हौसला देने साथ खड़ी होती है। रंजोत अब स्वस्थ होकर दूसरे मरीजों को अस्पताल तक भेजने के लिए स्वैच्छिक सेवा देकर समाज सेवा के अपने कार्य को आगे बढ़ा रहे है।
     

विवेक गार्डिया रायपुर बिजनेसमैन 38 वर्ष ने 19 सितंबर को कोरोना जांच कराई एवं संक्रमण की पुष्टि के बाद जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम के सहयोग से लालपुर कोविड हाॅस्पिटल में भर्ती हुए। विवेक के अनुसार पहले दिन 30 बिस्तरों वाले वार्ड में सिर्फ 2 मरीज के साथ वे भर्ती थे। घर से दूर रहकर मन  विचलित था, परिवार भी मेरे स्वास्थ्य को लेकर चिंतित था, लेकिन अस्पताल में सारी व्यवस्था देखकर एक ऐसा विश्वास जागा कि विवके, अब अपने सभी परिचितों को शासकीय अस्पतालों में उपलब्ध उत्कृष्ट व्यवस्था का हवाला देते है।

विवेक बताते है कि अस्पताल में मरीजों के मनोरंजन तक का विशेष ध्यान रखा गया है, उन्हें अकेलापन न लगे, इसके लिए योगा, संगीत, लूडो, कैरम जैसी व्यवस्थाएं कोविड अस्पतालों में की गई है। सफाई और सेनेटाइजेशन की टीम पूरी जिम्मेदारी से पांच बार अपनी सेवा देने पहुंचती है। आपदा के समय हर मरीज तक गर्म व गुणवŸाा युक्त भोजन पहुंचाने का जो काम प्रशासन की निगरानी में किया जा रहा है, उसकी सराहना करते हुए विवेक कहते है कि रायपुर के आखिरी छोर पर बने इस अस्पताल तक गर्म भोजन पहुंचाना स्वयं परिजनों के लिए असंभव है, वहां प्रशासन के शानदार नेटवर्क ने पर्याप्त व्यवस्था कर मरीजों को जो सुविधाएं दी है, वह सराहनीय है। उनका मानना है कि कोरोना से जंग सभी के लिए बड़ी चुनौती है और शासन, प्रशासन के अधिकारी, कर्मचारी, डाॅक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ,  इसके लिए एक योद्धा के तौर पर पूरी जिम्मेदारी निभाते हुए सभी की जीवन रक्षा कर रहे हैं।