पड़ताल….! नपा का विरोध करना भारी बड़ा भाजयुमो के युवाओं को…

@संजय यादव

नपा का विरोध करना भारी बड़ा भाजयुमो के युवाओं को…

जांजगीर नैला नगर पालिका के अधिकारियों एवं अध्यक्ष के खिलाफ विरोध करना युवा मोर्चा की युवाओं को तब महंगा पड़ गया जब युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने लगातार नपाअध्यक्ष एवं अधिकारियों खिलाफ मोर्चा खोल दिया. नगर पालिका के भ्रष्टाचार को लगातार उजागर करते रहे. लेकिन युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा.बदले की भावना में नपा के अधिकारी युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं से निजी दुश्मनी निकालते उनके घर का नाप लेने चले गए.. यह वाक्य तब हुआ जब नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में युवा मोर्चा के कार्यकर्ता कचहरी चौक पर शुक्रवार को धरना प्रदर्शन कर रहे थे. इसी समय युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को पता चला कि नपा के अधिकारी उनके घर को नाप जोक करने के लिए गए हैं हालांकि इसके पीछे अधिकारियों की क्या मकसद है यह पता नहीं चल पाया है लेकिन युवाओ का आरोप है कि इसके पीछे बदले की भावना नजर आ रही है.

मोती, नारायण नही तो कौन…?

जांजगीर चांपा विधानसभा में दावेदारों की भारी भीड़ देखी जा रही है क्योंकि अब दावेदारों को लग रहा है कि जनता दोनों पुराने प्रत्याशियों से ऊब गई है. लेकिन सबसे बड़ी चुनौती दोनों पार्टी को ही आ रही है. दोनों चेहरे के अलावा उनको कोई अच्छा उम्मीदवार इस क्षेत्र में नजर नहीं आ रहा है. हालांकि ऐसा नहीं है कि यहां अच्छे प्रत्याशी नहीं है बाउजूद पार्टी फैसला लेने में काफी देरी कर रही है. हालांकि दावेदारों को जरूर यह विश्वास है कि इस बार मोती एवं नारायण के बदले दोनों पार्टियों में नया चेहरा देखने को मिल सकता है. वही।अभी कांग्रेस पार्टी किसी का नाम फाइनल नहीं किया अब बताया जा रहा है कि 18 सितंबर के बाद प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कांग्रेस कर सकती है। 40 सीटों पर लगभग नाम फाइनल हो गए हैं बस घोषणा करना बाकी रह गया है।

पामगढ़ में महिलाओं के बीच होगा मुक़ाबला…

पामगढ़ विधानसभा में इस बार महिलाओं प्रत्याशियों के बीच मुकाबला चुनाव में देखने को मिलेगा. बहुजन समाज पार्टी ने अपना प्रत्याशी पहले से तय कर लिया है मौजूदा विधायक इंदु बंजारे को फिर से मौका दिया है तो वहीं कांग्रेस एवं भाजपा भी महिला प्रत्याशी की तलाश में है. हालांकि कांग्रेस में नाम लगभग फाइनल हो गए हैं वहीं बीजेपी में महिला प्रत्याशियों का नाम अभी फाइनल होना बाकी है. जांजगीर चांपा जिले के पामगढ़ विधानसभा चुनाव में तीनों पार्टियों में महिलाओं प्रत्याशियों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगा।

कांग्रेस के टारगेट में जांजगीर चाम्पा जिले का तीनो सीट…

कांग्रेस विहीन जिला होने के चलते इस बार सरकार का सबसे ज्यादा फोकस जांजगीर चांपा में है. क्योंकि जांजगीर चाम्पा जिला में तीन विधानसभा सीट है जिसमें एक में भी कांग्रेस के विधायक नही है। इसलिए भुपेश बघेल ज्यादा ध्यान जांजगीर चाम्पा जिले में दे रहे है. मुख्यमंत्री का बार बार जांजगीर चांपा जिला का दौरा यही बता रहा कि इस बार कांग्रेस तीनो सीट पर कब्जा जमाने वाली है. इसलिए भूपेश बघेल का फिर से एक बार दौरा 12 सितंबर को प्रस्तावित होना बताया जा रहा है. संकल्प शिविर के बहाने जांजगीर आ रहे है।

अकलतरा विधानसभा में बीजेपी प्रत्याशी तय…

इन दिनों सोशल मीडिया में एक वीडियो खूब वायरल हो रही है जिसमें बीजेपी में शामिल हुए छत्तीसगढ़ के कलाकार अनुज शर्मा यह कहते दिख रहे हैं कि अकलतरा विधानसभा से इस बार सौरभ सिंह जो कि मौजूदा विधायक है उनको जीताने की अपील कर रहे हैं, हालांकि अभी भारतीय जनता पार्टी ने अकलतरा विधानसभा से प्रत्याशियों के नाम की घोषणा नहीं की है इससे पहले से ही सौरभ सिंह विधानसभा के प्रत्याशी तय हो गए हैं.

पामगढ़ से पूर्व सांसद का नाम कटवाने में किसका हाथ…

भारतीय जनता पार्टी ने जब छत्तीसगढ़ में 21 भाजपा प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की जिसमे पामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से पूर्व सांसद कमला देवी पाटले का भी नाम था. लेकिन एनवक्त पर उनका नाम कट गया अब पूर्व सांसद के समर्थकों का आरोप है कि कमला देवी पाटले का नाम कटवाने के पीछे एक बीजेपी के ही एक बड़े स्थानीय नेता का हाथ बताया जा रहा है.जिसकी शिकायत पर यह हुआ है. हालांकि यह भी बताया जा रहा है कि पारिवारिक विवादो की वजह के चलते पार्टी ने उनका नाम काट दिया है. लेकिन पूर्व सांसद कमला देवी पाटले कहना है कि उनके खिलाफ कहीं कोई शिकायत नहीं है या सिर्फ राजनीतिक द्वेष के चलते उनका नाम खराब करने की कोशिश की जा रही है.कमला देवी केंद्रीय चुनाव समिति को पूरी जानकारी दे चुकी है। कमला देवी पाटले पामगढ़ विधानसभा से बीजेपी के सशक्त उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है.

महंत के दो राजनीति दुश्मन राजा और मनहरण…

छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष एवं सक्ति विधायक डॉ चरण दास महंत की मुसीबत तो 2018 चुनाव में टल गई थी. राजा सुरेन्द्र बहादुर सिंह को किसी तरह मना लेने में कामयाबी मिल गई थी .लेकिन 2023 विधानसभा चुनाव में अब विरोधीयो की संख्या बढ़ गई है.डॉ चरण दास महंत के करीबी रहे कांग्रेस के पूर्व विधायक मनहरण राठौर खुलकर डॉक्टर महंत का विरोध में आ गए हैं. अब सक्ति विधानसभा से टिकट का दावेदारी कर रहे हैं इस लिहाज से देखा जा रहा है कि डॉ महंत के दो कट्टर राजनीतिक दुश्मन सामने आ गए हैं. अब दोनों को डॉ महंत किस तरह मैनेज करने में सफल होते हैं यह आने वाला समय बताएगा लेकिन अभी डॉ महंत के लिए सबसे बड़ा काम राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह एवं पूर्व विधायक मनहरण राठौर को अपने साथ कर लेना ही सबसे बड़ी चुनौती दिख रहा है।