रायपुर. आरक्षण में हस्ताक्षर न होने पर सम्पूर्ण आदिवासी समाज में नाराजगी देखने को मिल रही हैं. सिर्फ आदिवासी ही नही राज्य सरकार भी इस बात से नाराज हैं कि राज्यपाल आरक्षण पर हस्ताक्षर नही कर रही, और इस नाराजगी का विकराल रूप 3 जनवरी को देखने को मिलेगा. 3 जनवरी को छत्तीसगढ़ कांग्रेस की महारैली निकलने वाली हैं. जिसमें प्रदेश भर से तकरीबन 1 लाख लोग शामिल होंगे.
रैली को लेकर पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता के हक के लिए रैली निकालेंगे. इसमें लगभग 1 लाख से अधिक लोग इस रैली में शामिल होंगे. मरकाम ने ये भी कहा कि बीजेपी संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्ति पर दबाव डाल रही हैं. बीजेपी यहां के लोगों को अधिकार नहीं देना चाहती. जनता ने उन्हें 14 सीटों में सिमटाया हैं और उपचुनाव में भी हराया हैं, इसलिए जनता से बदला लेने के लिए बीजेपी संविधानिक पदों का दुरुपयोग कर रही हैं.
बता दें कि 3 दिसंबर को विधानसभा से आरक्षण विधेयक पारित कर दिया गया था. इसमें राज्यपाल के हस्ताक्षर होने थे. जिसके बाद आरक्षण प्रदेश में लागू हो जाता, लेकिन राज्यपाल ने अब तक आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर नही किया है. जिसको लेकर ये नाराजगी देखी जा रही हैं. वही सोमवार को भी सर्व आदिवासी समाज के लोग बड़ी संख्या में इकठ्ठे होकर राजभवन कूच करने निकले थे. जहाँ उन्हें बीच मे ही रोक दिया गया, और अंत में राज्यपाल से मुलाकात भी नही हो पाई, न ही ज्ञापन सौप पाए.
इसको लेकर भी पीसीसी चीफ मरकाम ने बीजेपी पर निशाना साधा हैं. उनका कहना है कि बीजेपी के दबाव में आकर राज्यपाल दस्तखत नही कर रही. मरकाम ने कहा कि अपने आपको आदिवासी समाज का हितैषी कहने वालों का चरित्र उजागर हुआ है, ये पहले कहते थे. चिट्ठी लिखेंगे सरकार को कि आपके विधानसभा में बिल पास करते ही दस्तखत करेंगे, लेकिन आज ये समाज के लोगों से ही नहीं मिल रहे. इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या होगा. किस दबाव में यह सब हो रहा है यह देश और प्रदेश की जनता देख रही है.