क्या छत्तीसगढ़ में भड़क रही सम्प्रदायिकता की आग? सरकार ने 33 जिलों में लगाया इमरजेंसी, मुख्यमंत्री ने कहा BJP डर गई हैं, BJP ने बताया सोनिया गांधी का दबाव



रायपुर. छत्तीसगढ़ में सांप्रदायिका फैलाने वालो पर सख्त नजर आ रही हैं, सरकार छत्तीसगढ़ में इमरजेंसी लगाने की तैयारी कर रही है, 3 जनवरी 2022 को छत्तीसगढ़ राज्य सूचना जारी की गई है जिसमें छत्तीसगढ़ के 33 जिलों में कलेक्टर को इस बात का अधिकार दिया जा रहा है कि किसी भी व्यक्ति के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्यवाही कर सकते हैं. पकड़े गए आरोपी को एक साल तक हिरासत में रखा जा सकेगा और जमानत भी मुश्किल होगी, गृह विभाग को नारायणपुर हिंसा के बाद प्रदेश के 31 जिलों से साजिश के इनपुट मिले हैं उस आधार पर ये आदेश जारी हुआ लेकिन अब इसको लेकर छत्तीसगढ़ में सियासत हो रही हैं, बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक दूसरे पर बयानबाजी कर रहे हैं.

आदिवासी क्षेत्रों में रासुका लगाए जाने पर पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने सरकार पर आरोप लगाए है कहा कि सरकार पर सीधा दबाव सोनिया गांधी का हैं, मुख्यमंत्री अपना पद बचाने हमारे आदिवासियों को इस गत में भेजने का काम कर रहे हैं, ये आदिवासी संस्कृति को खत्म करने की साजिश हैं, हमारे आदिवासी समाज को धर्मांतरण की तरह बाटना चाहते हैं.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता बृजमोहन बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री जी अब डर गए हैं वह घबरा गए हैं तानाशाही पर उतर आए हैं, इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्यवाही करने का अधिकार बिना किसी कारण बताएं और इस प्रकार के उसमें घोषणा की गई है वह भी आश्चर्यजनक है कि जिस बात का निर्णय कौन करेगा जो शांति पैदा करने की कोशिश कर रहा है इसका निर्णय कौन करेगा कि राज्य सरकार को असुरक्षित करने की कोशिश की जा रही है और यह पूरी तरह 1970 की 1975 की याद दिलाता है जब इस देश में इंदिरा गांधी जी ने इमरजेंसी लगाई थी अब छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी इमरजेंसी थोपने का काम कर रहे हैं और यह बहुत दुर्भाग्य है छत्तीसगढ़ की जनता को किसी प्रकार से स्वीकार नहीं है.

वही भाजपा द्वारा आपातकाल लगाने की बात पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि समय समय पर अलग-अलग कानून बनाया जाता हैं,यहां तो भाजपा के खिलाफ बोलो तो धर्म विरोधी हो जाते है, दिल्ली के बारे में बोलो तो राष्ट्रविरोधी कहलाते है, मुख्यमंत्री ने कहा कि वे धर्मांतरण पर बहस के लिए तैयार है. सीएम ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी का कोई षड्यंत्र तो नही हैं जो वे डरे हुए है.

वही नारायणपुर मामलें में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम का बयान भी सामने आया है, मरकाम ने कहा कि जो स्थितियां है बस्तर के मामले में केदार कश्यप और उनकी पूरी टीम जो जनजाति सुरक्षा मंच के नाम से वह लोगों को मारने पीटने के काम में लगी हुई है,जो नारायणपुर की घटना घटी वहां केदार कश्यप का विधानसभा क्षेत्र भी है, वह 15 साल तक मंत्री रहे उनके उकसावे में आदिवासी समाज को आगे करके आग लगाने का काम भाजपा के नेताओं के द्वारा किया गया है, जो हमले हुए हैं एसपी और पुलिस अधिकारियों पर भाजपा के नेताओं की सोची समझी साजिश है. हम पहले भी कहते रहे हैं, भाजपा फूट डालो राज करो की नीति पर चलती है, बस्तर को अशांत करने का प्रयास करती है, 15 साल सरकार में रहे बस्तर के विकास को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया. जब से बाहर चले गए है इस तरह के हथकंडे भाजपा के नेता अपना रहे हैं.