रायपुर. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत समेत 50 से ज्यादा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है. इसके साथ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है.
बस्तर में 4 के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने बस्तर सीएमएचओ ने एसपी को पत्र लिखा है। इधर संघ का दावा है कि सभी 13 हजार कर्मचारी इस निर्णय के खिलाफ कल मंगलवार को सरकार को सामूहिक इस्तीफा सौपनें का निर्णय लिया है।
महासमुंद में एनएचएम के तीन कर्मचारी बर्खास्त
महासमुंद जिले में नोटिस की अनदेखी कर काम पर नहीं लौटने वाले नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तीन अधिकारियों को बर्खाश्त कर दिया गया है। साथ ही दो अधिकारियोें रामगोपाल खुुंटे, पी.एस.डब्ल्यू, कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी महासमुंद और भैयालाल मिश्रा, ग्रामीण चिकित्सा सहायक, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खल्लारी द्वारा इस हड़ताल में शामिल होकर, कार्य से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहे।
मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन छत्तीसगढ़ को आवश्यक कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। हालांकि कुछ कर्मचारियों ने इससे पहले डयूटी ज्वाइन कर ली। जिन तीन कर्मचारियो की सेवा समाप्ति की गई है। सेवा समाप्त किए गए कर्मचारियों में समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पिथौरा के कार्यक्रम प्रबंधक जयकातं विश्वकर्मा, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बागबाहरा के लेखा प्रबंधक अशीष वर्मा और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र झलप के पी.ए.डी.ए. गौरीशंकर साहू शामिल है।
इन तीनों की सेवा समाप्ति छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ‘‘मानव संसाधन नीती वर्ष 2018 की कंडिका 29.10 के तहत कदाचार माना जाकर उसी नीति की कंडिका तहत उनकी संविदा नियुक्ति तत्काल प्रभाव से समाप्त की गई है।
सेवा समाप्ति से रिक्त हुए पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जल्द की जायेंगी
मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि सेवा समाप्ति से रिक्त हुए पदों पर भर्ती की प्रक्रिया की जायेंगी। मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी ने सेवा समाप्ति के आदेश जारी कर दिये है।
दो अधिकारियों पर कार्रवाई की मिशन संचालक को अनुशंसा
इसी प्रकार दो एनएचएम के अधिकारियों रामगोपाल खुुंटे, पी.एस.डब्ल्यू, कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी महासमुंद और भैयालाल मिश्रा, ग्रामीण चिकित्सा सहायक, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खल्लारी पर आवश्यक करवाईं की अनुशंसा मिशन संचालक छत्तीसगढ़ को की गई है। इनके द्वारा हड़ताल में शामिल होकर, कार्य से अनाधिककृत रूप से अनुपस्थित रहे। वर्तमान में जिले में कोविड-19 संक्रमण की स्थिति गंभीर बनी हुई है। जिसके रोकथाम व प्रभावित जनमान से उपचार में सभी शासकीय कर्मचारियों का योेगदान न केवल शासकीय कर्तव्य है बल्कि अनिवार्य नैतिकता भी है।
इसके बाजजूद भैयालाल मिश्रा और रामगोपाल खुंटे का अपनी सेवा से दिनांक 19.9.2020 से अनुपस्थित रहना स्वास्थ्य सुविधा को प्रदान करने में बांध उत्पन्न करने स्वरूप कदम है।
शनिवार 19 सितम्बर को ही कार्य से अनुपस्थित रहने वाले सभी हड़ताली कर्मचारियों को जिला मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.पी. वारे ने सभी एनएचएम स्वास्थ्य अधिकारी-कर्मचारियो को नेाटिस जारी किया था। नोटिस में अनुपस्थित कर्मचारियों से कहा गया है कि वे यदि 24 घंटे के भीतर अपने कर्तव्य पर उपस्थित होकर सामान्य रूप से कार्य निष्पादित नहीं करते है तो अधिकारी-कर्मचारियो के विरूद्ध कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी।