CG News: एनजीटी के आदेश के बाद अब शासन ने जारी किया आदेश; कलेक्टर, एसपी सड़कों पर पंडाल नहीं लगने दें

छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति के पत्र का बड़ा असर, पूरे प्रदेश मे लागू होगा एनजीटी का आदेश

रायपुर. छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति द्वारा मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र के बाद आवास एवं पर्यावरण मंत्रालय छत्तीसगढ़ शासन ने सभी जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक निर्देश दिया है कि सडकों पर पंडाल न लगने देने के एनजीटी के आदेशों का पालन किया जाना सुनिश्चित किया जाए.

पंडाल की अनुमति न दी जाए, बिना अनुमति के लगने पर हटाया जाए

शासन द्वारा जारी आदेश में उल्लेखित किया गया है की एनजीटी भोपाल बेंच ने प्रकरण क्रमांक 78/2016 में दिनांक 23 नवंबर 2016 में निर्देशित किया है कि सड़कों पर यातायात में अवरोध के दृष्टिगत पंडाल एवं स्वागत द्वार स्थापित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए एवं प्रशासन की बिना अनुमति के बनाए गए ऐसे पंडाल व स्वागत द्वार को जिला प्रशासन, पुलिस एवं नगरीय निकायों द्वारा तत्काल हटाया जाना चाहिए. इसी प्रकार जिला प्रशासन द्वारा धार्मिक जुलूस की अनुमति देते समय सुचारू यातायात एवं ध्वनि एवं वायु प्रदूषण होने के परिपेक्ष्य में इसके मार्ग में पंडाल एवं गेट ना होना सुनिश्चित किया जाना चाहिए. कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को आदेश दिए गए हैं कि वे एनजीटी के आदेश का पालन सुनिश्चित कराएं. गौरतलब है कि उपरोक्त आदेश एनजीटी ने छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति द्वारा जारी याचिका में दिए थे.

गणेश उत्सव, दुर्गा पूजा, दिवाली दौरान रायपुर की जनता के स्वास्थ्य के मद्देनजर दिया था एनजीटी ने आदेश

प्रकरण की सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा एनजीटी को बताया गया है कि और गणेश उत्सव के दुर्गा पूजा, दिवाली दौरान रायपुर शहर की वायु की क्वालिटी खराब हो जाती है. ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ जाता है. एनजीटी ने कहा की यह बहुत चिंता का विषय है.

समिति रायपुर की जनता के अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रतिबद्ध है, कोर्ट तक लड़ाई करेगी

समिति के डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि समिति ने रायपुर की जनता के स्वस्थ के मद्दे नजर एनजीटी में शिकायत की थी. डॉ. गुप्ता ने बताया कि वायु प्रदूषण से भी छत्तीसगढ़ के हर शहर में खांसी, अस्थमा के मरीज शहर में बढ़ रहे है, शहरी और अर्ध शहरी इलाको के विशेष रुप से कोविड-संक्रमण के बाद बच्चों के और बुजुर्गों के फेफड़े गंभीर रूप से कमजोर हो रहे हैं. वायु प्रदूषण से देश में प्रति वर्ष 16 लाख मौत हो रही है जो कि एक वर्ष में करोना में हुई सभी मौतों से ज्यादा है. वायु एवं ध्वनि प्रदूषण से हार्टअटैक, ब्लड प्रेशर, मानसिक असंतुलन अवसाद अनिद्रा प्रीमेच्योर डिलीवरी की दर बढ़ रही है और अन्य प्रकार की बीमारियां हो रही है. डी.जे. और धुमाल पार्टी के ध्वनि प्रदूषण से रायपुर में ही दो लोगों के हार्ट अटैक से मृत्यु हो चुकी हैं. समिति से समस्त सदस्य एक मत है कि वे रायपुर की जनता के स्वस्थ के लिए कोर्ट तक लड़ाई लड़ेंगे.

133% वाहन बढ़ गए है रायपुर की सडकों पर

समिति के डॉ राकेश गुप्ता ने बताया की वर्ष 2016 में जब एनजीटी ने सडकों पर पंडाल नहीं लगाने का निर्णय दिया था तब रायपुर की सड़कों पर लगभग 30 लाख वाहन थे. जो अब 133% बढ़कर 70 लाख हो गए हैं, ऐसे में यातायात बाधित होने और जाम होने से वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण इसी अनुपात में बढ़ गया है.

पंडाल लगने के एक माह पहले पत्र लिखा था मुलाकात की थी

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति द्वारा गणेश उत्सव के एक माह पहले मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव आवास एवं पर्यावरण, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, नगर निगम कमिश्नर, सभी जोन कमिश्नर और टीआई को पत्र लिखकर एनजीटी के आदेश से अवगत कराया था. समिति के डॉ गुप्ता ने बताया की समिति के सदस्यों ने इस संबंध मैं गणेश उत्सव के एक माह पहले कलेक्टर, एसपी और नगर निगम कमिश्नर से मिलकर व्यक्तिगत मुलाकात भी की थी पर एनजीटी के आदेश का पालन सुनिश्चित नहीं किया जा सका.

समिति के सदस्य डॉ. राकेश गुप्ता, विश्वजीत मित्रा, हरजीत जुनेजा, अधिवक्ता ब्यास मुनि देवेदी, मनजीत कौर बल, डॉ विकास अग्रवाल, डॉ नवेंदु पाठक, डॉ दिग्विजय सिंह, उमा प्रकाश ओझा, रियाज अंबर, अजय खंडेलवाल, संदीप कुमार, विनय शील, जीवेश चौबे, शरद शुक्ला, नोमान अकरम हमीद, हेमंत बैद सभी एकमत हैं कि रायपुर शहर की जनता का स्वास्थ्य सर्वोपरि है और एनजीटी के आदेश का पालन नहीं करने की स्थिति में अधिकारियों के विरुद्ध एनजीटी में शिकायत दर्ज कर सजा और पेनल्टी लगवाई जावेगी.