रायपुर. डीलिस्टिंग को लेकर राजध में महारैली निकाली गई। जनजाति सुरक्षा मंच के बैनर तले निकाली गई डीलिस्टिंग महारैली में आरक्षण और धर्मांतरण के खिलाफ आवाज बुलंद किया गया। ‘चलो रायपुर’ नारे के साथ हजारों लोग रैली में शामिल हुए। प्रदेशभर से हजारों लोग कार्यक्रम में पहुँचे। आदिवासी समाज और सर्व समाज के हजारों लोग कार्यक्रम में मौजूद रहे।
धर्मांतरित व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति की सूची बाहर करने की मांग को लेकर आज डीलिस्टिंग महारैली का आयोजन किया गया था। यह रैली जनजाति सुरक्षा मंच छत्तीसगढ़ के बैनर तले रायपुर के वीआईपी रोड स्थित राम मंदिर से शुरू हुई। इस रैली में बड़ी संख्या में जनजाति समाज के लोग शामिल हुए रैली से पहले सभा के जरिए डीलिस्टिंग की मांग उठाने की जरूरत पर वक्ताओं द्वारा प्रकाश भी डाला गया।
जनजाति सुरक्षा मंच ने एक बयान जारी करते हुए महारैली की जानकारी दी और मांग करते हुए कहा कि जिन नागरिकों ने अपने मूल संस्कृति और अपने मूल धर्म को छोड़कर विदेशी धर्म अपनाया है उन्हें अनुसूचित जनजाति किस श्रेणी से तत्काल बाहर किया जाए और इसके लिए आवश्यक संवैधानिक संशोधन किया जाए। बयान में यह भी कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में भी बड़ी संख्या में धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों के द्वारा मूल जनजातियों के हिस्से की सुविधाओं को अवैध रूप से छीना जा रहा है इसलिए धर्मांतरितो को डिलिस्टिंग किया जाए।
डि-लिस्टिंग को लेकर सीएम भूपेश बघेल का बयान भी सामने आया है।उन्होंने कहा कि डि-लिस्टिंग का मामला राज्य सरकार का नही केंद्र सरकार का है, जो आयोजन कर्ता है उन्हें बीजेपी के 9 सांसदों का घेराव करने चहियेऔर दिल्ली जाना चाहिए। 15 साल में ये बात नही आई जब रमन सिंह सरकार में थे। आज डि लिस्टिंग की बात हो रही है रैलियां निकाल रहे है, लोकसभा में पारित कर कौन रोक रोक रहा है, बीजेपी के पास मुद्दा बचा नही ये गुमराह कर रहे है।