रायपुर. ईडी दफ्तर के बाहर कांग्रेस प्रदर्शन करने पहुँची हुई है। देशभक्ति गीतों के साथ कांग्रेस ने प्रदर्शन किया।प्रदर्शन में महापौर एजाज ढेबर, प्रमोद दुबे सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी मौजूद रहे। ईडी की कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन किया गया। कांग्रेसियों ने ईडी दफ्तर के बाहर चूड़ियां भी फेंकी। बता दे कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले छत्तीसगढ़ में ईडी की छापेमारी कार्रवाई देखी गयी थी और आज जब अधिवेशन खत्म हो गया तो कांग्रेस ने ईडी दफ्तर का घेराव किया।
घेराव के ठीक पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने आज बुधवार को राजीव भवन में प्रेसवार्ता ली। मरकाम ने महाधिवेशन को मिल का पत्थर बताया और कहा कि कांग्रेस के संविधान में नए नियम बनाये गए। कांग्रेस अधिवेशन को बाधित करने की कोशिश की गई। भाजपा आज निम्न स्तर की राजनीति करने लगी है। सोनिया गांधी को लेकर भाजपा के नेता वीडियो वायरल कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अपने अध्यक्ष जेपी नड्डा का वीडियो देखना चाहिए। जेपी नड्डा का हाल भाजपा में क्या किसी से छिपा नही है।
मरकाम ने कहा- अधिवेशन को विफल करने ईडी को भेजा गया। ईडी के छापे पड़े लेकिन हम नहीं डरे। हमारा अधिवेशन ऐतिहासिक रहा। अंग्रेज शासनकाल में भी अधिवेशन हुए थे अंग्रेजी शासन भी नहीं रोक पाई। भाजपा ने भी रोकने की आज कोशिश की लेकिन नहीं रोक पाई। कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आंनद शुक्ला ने कहा भाजपा शासनकाल में कितने ही घोटाले हुए, ईडी ने किसी मामले की जांच नहीं की। नान में 36 हजार करोड़ का घोटाला हुआ। ईडी ने रमन सिंह और उनके परिवार की जांच नहीं की। ईडी में प्रकरण होने के बाद मामले की जांच नहीं की गई। हजारों करोड़ का चिटफंड घोटाला हुआ लेकिन ईडी ने जांच नहीं की। चिटफंड को बढ़ावा देने का काम रमन सरकार ने किया था। हमारी मांग है कि इन मामलों की जांच होनी चाहिए। हम पूछना चाहते हैं कि क्या ईडी भाजपा की अनुसांगिक संगठन नहीं है?
प्रेसवार्ता में उपस्थित महापौर एजाज ढेबर ने कहा- भूपेश सरकार को बदनाम करने की कोशिश की गई है। छल-कपट और बलपूर्वक घोटाला होने का षड्यंत्र किया जा रहा है। ईडी के अधिकारियों की ओर से जबरन परेशान किया जा रहा है। सूर्यकांत तिवारी को सूत्रधार बनाकर साजिश रची जा रही है। सूर्यकांत तिवारी का सम्बंध डॉ. रमन सिंह से रहा है। रमन सरकार के समय सूर्यकांत तिवारी ने अडानी के साथ मिलकर कोयले का कारोबार किया गया, 100 करोड़ रुपया अडानी को हवाला किया गया। अडानी को इस मामले में क्यों नोटिस नहीं भेजा गया? रमन सिंह, अमन सिंह, अडानी की मिलीभगत से घोटाला हुआ?