Chhattisgarh News: BJP नेता घूम रहे हैं, जिमिकांदा खा रहे हैं- सीएम… स्काईवॉक पर बीजेपी ने याद दिलाया झीरमकांड

रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बने स्काईवॉक को लेकर एक बार बयानबाजी शुरू हो गयी हैं. रमन सरकार के कार्यकाल में बने स्काई वॉक का क्या किया जाए सरकार ने अब तक फैसला नही लिया है, लेकिन इसकी जांच चल रही हैं. वही स्काई वॉक निर्माण में गड़बड़ी को लेकर ACB और EOW को जांच की जिम्मेदारी दी गयी हैं. इसके बाद से स्काई वॉक का मुद्दा फिर गरमाने लगा है.

स्काई वॉक को लेकर सीएम ने कहा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हेलिपैड में चर्चा के दौरान स्काई वॉक को लेकर कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोग इधर-उधर की बात कर रहे हैं. सवाल यह है कि स्पष्ट जवाब दें, जैसे ही केस रजिस्टर हुआ यह फड़फड़ाने लगे. इस तथ्य के बारे में बताना चाहूंगा. चुनाव 20 नवंबर 2018 को हुआ. ऐसी क्या आपात स्थिति आई थी कि 5 दिसंबर 2018 को परियोजना की लागत 28 करोड़ बढ़ाने का प्रस्ताव दे दिया जाता है. 11 दिसंबर को मतगणना हुआ, बीजेपी बुरी तरह से परास्त हो गया. उस दिन रमन सिंह इस्तीफा भी दे दिए थे, किंतु मूणत कार्यकर्ता रहे और 13 दिसंबर को फिर से प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर दी गई. किसको लाभ दिलाने के लिए किया गया? शासकीय धन का दुरुपयोग हो रहा है. सवाल तो यह है जब आप सत्ता में थे, जनादेश आपके खिलाफ चला गया. उसके बाद आप की फाइल चलती रही, जवाब उनका देना चाहिए जो नहीं दे रहे हैं.

बीजेपी के नेता घूम रहे हैं, जिमी कांदा खा रहे हैं. 15 वर्षों तक छत्तीसगढ़ की जनता को लूटते रहे कभी खदान कभी नान, धान में. हमारी सरकार को बने 4 साल हुआ, डेढ़ लाख करोड़ रूपया आम जनता के खाते में गया है, कहीं इधर उधर नहीं. सरकार बटन दबा दी है और सीधा खाते में पहुंच रहा है. मजदूर, किसान, सहायता समूह सब के खाते में गया, इसमें क्या भ्रष्टाचार हो सकता है? मैं यह पूछता हूं कि 4 साल में हमने आम जनता के जेब में पैसे डाले वह पैसा तो रहा होगा. यह पैसा उनको मिल सकता था क्यों नहीं मिला और नहीं मिला इसका मतलब सब भ्र्ष्टाचार में गए. जैसे स्काईवॉक, एक्सप्रेस वे, हाईवे बहुत सारी चीजें हैं. एक ही पुल को तोड़कर तीन बार बना रहे हैं, सड़क बार-बार उखाड़ रहे हैं, यह सब पैसा ऐसे ही गया है भ्रष्टाचार में, अन्नदाता हमारे प्रसन्न है, गोपालक हमसे प्रसन्न है, मजदूर आदिवासी हमसे प्रसन्न है, लघु संग्रहक प्रसन्न है. इनकी पेट में तकलीफ हो रही है तो भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं, खुद कुछ नहीं नहीं कर पा रहे हैं तो ईडी को ले आए, ईडी कार्रवाई कर रही है, मारपीट क्यों कर रहे हैं, कार्रवाई करें. मार मार के बोल रहे हैं हां बोलवा रहे हैं, दस्तखत करो, प्रताड़ित कर रहे है. उद्योगपति अभी भी हॉस्पिटल में है, कितने लोग हैं जिसमें हाथ पैर की चोट आई, थर्ड डिग्री टॉर्चर कर रहे हैं. जबरदस्ती सिद्ध करना चाहते हैं, भ्रष्टाचार जो गलत है उन पर कार्रवाई करो. किसी को टारगेट करके फसाने, मारपीट करके दहशत में लाना उचित नहीं. इसका सीधा मतलब ये हैं भारतीय जनता पार्टी लड़ाई नहीं लड़ पा रही है इसलिए बदनाम कर रही है, जो द्वेष के सिद्धांत हैं. एक झूठ को 100 बार बोलो तो सच लगने लगता हैं, यही सिद्धान्त को मानने वाले लोग हैं, भ्रष्टाचार के आकलन में खुद डूबे हुए हैं और दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. बदनाम करने का षड्यंत्र चल रहा है. छत्तीसगढ़ की जनता देख रही है इनके झांसे नहीं आने वाली.

मुख्यमंत्री के बयान पर राजेश मूणत का पलटवार

वहीं पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने सीएम के सवाल पर कहा कि 4 साल में सरकार ने तीन तीन कमेटिया बनाई है, तीनों कमेटियों की रिपोर्ट को सार्वजनिक करना चाहिए. सरकार के पास तथ्य है तो प्रस्तुत करें. रिटायर्ड जज से जांच करवा लो क्यों घबरा रहे हो? इसके पहले सरकार ने कई एसआईटी जांच गठित किए हैं, झीरम घाटी के दस्तावेज कहां है? जिन लोगों ने कृत्य किया है उसके खिलाफ कार्यवाही किया जाना चाहिए. कहां है दस्तावेज सरकार को सार्वजनिक करना चाहिए. धमकियों से घबराने वाला नहीं है भाजपा का कार्यकर्ता, भ्रष्टाचार घोषित हो गया कांग्रेस पार्टी तय करेगी क्या?