> थाना कोतवाली क्षेत्रांतर्गत बैरन बाजार स्थित पॉलीटेक्निक कालेज पास दिनांक 30.09. 2020 को नशीला पदार्थ एम.डी.एम ए के साथ आरोपी श्रेयांस झाबक एवं विकास बंछोर को किया गया था गिरफ्तार।
> आरोपियों ने गिरफ्तारी पश्चात् पूछताछ में किया था एम.डी.एम.ए. का अवैध व्यापार करने वाले कुछ बड़े नामों का खुलासा ।
> आरोपियों से प्राप्त जानकारी के आधार पर पुलिस उप महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार यादव द्वारा सायबर सेल एवं थाना कोतवाली की संयुक्त टीम का किया गया था गठन।
> टीम द्वारा आरोपियों से प्राप्त जानकारी के पर ड्रग्स रैकेट के सभी कड़ियों को जोड़ने का किया जा रहा था लगातार प्रयास।
> टीम को इस दौरान जानकारी प्राप्त हुई कि ड्रग्स पैडलर्स इस व्यापार के लिये करते है अपने लिये एक तरह के विशेष नाम का उपयोग।
> आरोपी श्रेयांस झाबक को “जैक” अभिषेक शुक्ला को “डेविड” एवं मिन्हाज मेमन को “हनी” दिया गया था नाम ।
> श्रेयांस झाबक “जैक”, अभिषेक शुक्ला “डेविड” एवं मिन्हाज मेमन “हनी” है मुख्य आरोपी।
> टीम द्वारा प्राप्त जानकारी के आधार पर अभिषेक शुक्ला उर्फ डेविड़ को किया गया गिरफ्तार और उसके कब्जे से 93 ग्राम एम.डी.एम.ए. किया गया जप्त।
> आरोपी अभिषेक शुक्ला उर्फ डेविड से प्राप्त जानकारी के आधार पर मोह0 मिन्हाज उर्फ हनी, एलन सोरेन, रोहित आहूजा, राकेश अरोरा, अब्दुल अजीम उर्फ सद्दाम एवं लक्ष्मण गाईन को किया गया गिरफ्तार।
> सभी आरोपी ड्रग्स पैडलर्स के रूप में करते थे काम और राज्य के अलग – अलग जिलों में करते थे ड्रग्स की सप्लाई।
> आरोपियों के कब्जे से घटना में प्रयुक्त हुंडई वरना कार क्रमांक सी जी/04/एच क्यू/1011 को भी किया है जब्त। – रायपुर पुलिस की ड्रेस के परे चैन को पकड़ने की अब तक की है सबसे बड़ी कार्यवाही।
> आरोपी लक्ष्मण गाईन जी.आर.पी. बिलासपुर में है आरक्षक के पद पर पदस्थ ।
> आरोपियों के विरूद्ध थाना कोतवाली में अपराध क्रमांक 255/20 धारा 22 (ख) एन.डी. पी.एस. के तहत् किया गया है मामला दर्ज।
> नशा का कारोबार करने वाले कारोबारियों के विरूद्ध रायपुर पुलिस का यह अभियान लगातार रहेगा जारी।
रायपुर। 30.09.2020 को सूचना प्राप्त हुई थी कि थाना कोतवाली क्षेत्रांतर्गत बैरन बाजार स्थित शासकीय पॉलीटेक्निक के सामने रोड पर 02 व्यक्ति एम.डी.एम.ए. जैसे वस्तु विक्रय हेतु रखें है सूचना को पुलिस उप महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय यादव द्वारा गंभीरता से लेते हुये अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर लखन पटले, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध अभिषेक माहेश्वरी, नगर पुलिस अधीक्षक कोतवाली डी.सी. पटेल, प्रभारी सायबर सेल रमाकांत साहू एवं थाना प्रभारी कोतवाली आर.के.पात्रे को आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ने के निर्देश दिये गये जिस पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में एक विशेष टीम का गठन किया गया।
टीम द्वारा उक्त स्थान पर जाकर आरोपियों को चिन्हांकित किया जाकर घेराबंदी कर आरोपी श्रेयांस झाबक पिता रमेश झाबक उम्र-36 वर्ष निवासी पंचशील नगर सिविल लाइन्स रायपुर एवं विकास बंछोर पिता सुरेन्द्र बंछोर उम्र-40 वर्ष निवासी मेन रोड कोटा रायपुर को एम डी.एम.ए. के साथ रंगे हाथ पकड़ा गया। आरोपियों के कब्जे से 17 ग्राम एम.डी.एम.ए. कीमत लगभग 1.70,000/-एक लाख सत्तर हजार रूपये) जप्त किया जाकर आरोपियों के विरूद्ध थाना कोतवाली में अपराध क्रमांक 255/20 धारा 22 (ख) एन.डी.पी.एस.का अपराध पंजीबद्ध किया गया।
गिरफ्तार आरोपियों से टीम द्वारा इस नाटक से जुड़े अन्य लोगों के संबंध में पूछताछ की गई तथा आरोपियों द्वारा एम.डी.एम.ए. कहां से एवं किन – किन व्यक्तियों से लाया जाता है के संबंध में कड़ाई से पूछताछ किया गया। जिस पर गिरफ्तार आरोपियों द्वारा ड्रग्स के काले कारोबार से जुड़े बहुत से नामों के संबंध में जानकारी दी गई थी। प्राप्त जानकारी के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु पुलिस उप महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार यादव द्वारा साथबर सेल एवं थाना कोतवाली की एक विशेष टीम का गठन कर दिये गये।
जिस पर टीम द्वारा आरोपियों से प्राप्त जानकारी के आधार पर ड्रग्स के काले कारोबार से जुड़े आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु आवश्यक दिशा निर्देश । सभी कड़ियों को जोड़ना प्रारंभ किया गया। टीम द्वारा 10 दिनों तक काम करते हुये इस काले कारोबार से जुड़े आरोपियों की पहचान सुनिश्चित की गई। इस दौरान टीम को जानकारी प्राप्त हुई कि ड्रग्स के कारोबार से जुड़े हुये आरोपियों द्वारा इस कारोबार को करने हेतु अपने लिये एक विशेष नाम का उपयोग किया जाता है और वे आपस में एक-दूसरे को तस विशेष नाम से ही जानते है। इग्स के कारोबार सबसे पहले मिन्हाज मेमन बिलासपुर में प्रारंभ किया था और कुछ दिनों पश्चात् ही उसने अभिषेक उर्फ डेविड को अपने साथ इस व्यवसाय में शामिल कर लिया। दोनों इसी दौरान पुणे जाकर 02 = 03 बार ड्रग्स लेकर रायपुर व बिलासपुर में बिक्री किये थे परंतु पैसे की विवाद को लेकर दोनों के मध्य कुछ दिनों पश्चात् अनबन हो गई थी इसलिये दोनों एक-दूसरे से अलग-अलग कारोबार करने लगे। इसी दौरान ड्रग्स के कारोबार में अभिषेक का अच्छा संपर्क बन चुका था। अलग कारोबार करने के दौरान अभिषेक अपने अन्य साथी एलिन सोरेन के संपर्क में आया। एलिन सोरेन गोवा में रहकर होटल मैजेनमेंट की पढ़ाई करता है इसी दौरान वह गोवा में ड्रग्स का कारोबार करने वाले नाइजीरियन (नीग्रो) के संपर्क में आया था वह भी इस व्यवसाय में जुड़ गया। एलिन सोरेन ने गोवा में अभिषेक शुक्ला उर्फ डेविड़ का संपर्क नाइजीरियन (नीग्रो) से कराया तब अभिषेक अपने पेडलर रोहित आहूजा और राकेश अरोरा के साथ कई बार जाकर ड्रग्स गोवा से लेकर आये और बिक्री करने लगे। लक्ष्मण गाईन जो जी. आर.पी. में आरक्षक के पद पर बिलासपुर में कार्यरत है ने अभिषेक को ड्रग्स के लिये पैसा फायनेंस प्रारंभ कर दिया। अभिषेक और लक्ष्मण बिलासपुर में क्रिकेट खेलने के दौरान संपर्क में आये थे तब से कई बार लक्ष्मण की वर्ना कार से भी ड्रग्स लेने गोवा गये है दिनांक 27.09.2020 को भी लक्ष्मण और अभिषेक रायपुर में ड्रग्स की डिलीवरी करने आये थे जो पुलिस को भनक लगने पर भाग गये थे। रोहित और राकेश अरोरा को रायपुर व बिलासपुर में एक बार का ड्रग्स सप्लाई करने पर 1,000/- रूपये अभिषेक द्वारा दिया जाता था। चूंकि राकेश और रोहित गरीब तपके से है इसलिये अभिषेक ने उनको पैसा उधार लेने पर 08 प्रतिशत ब्याज लेकर दबा रखा था और राकेश की एक्टिवा वाहन को भी रख लिया था। दिनांक 27.9.2020 को अभिषेक और लक्ष्मण गाईन के रायपुर आने की भनक सायबर सेल को लग जाने के पश्चात् और विकास बंछोर और श्रेयांस झावक की गिरफ्तारी पश्चात् पकड़े जाने के डर से अपना मोबाईल फोन रास्ते में फेंक दिये और नया मोबाइल नंबर लेकर अपने रिश्तेदारी में इलाहाबाद जाकर छिप गया था, जिसे तत्परता पूर्वक सायबर सेल की टीम द्वारा इलाहाबाद से हिरासत में लेकर रायपुर लाकर पूछताछ किया गया तो उसने संपूर्ण ड्रग्स रैकेट का खुलासा किया और उसके निशानदेही पर आरोपी अभिषेक उर्फ डेविड द्वारा तिफरा बिलासपुर स्थित घर से 93 ग्राम एम.डी.एम.ए. कीमती लगभग 1500000 /-रूपये जप्त किया गया।
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसके साथ इस काले कारोबार में मिन्हाज मेमन उर्फ हनी एलिन सोरेन, रोहित आहूजा, राकेश अरोरा उर्फ सोनू लक्ष्मण गाईन एवं अव्दुल अजीज उर्फ सद्दाम जुड़े है। जिसके आधार पर आरोपी मोह मिन्हाज उर्फ हनी, एलेन सोरेन, रोहित आहूजा, राकेश अरोरा, अब्दुल अजीम उर्फ सद्दाम एवं लक्ष्मण गाईन को बिलासपुर के अलग अलग स्थानों से पकड़कर गिरफ्तार किया गया। अभिषेक शुक्ला उर्फ डेविड आरोपी रोहित आहूजा और राकेश उर्फ सोनू अरोरा के माध्यम से राज्य के बिलासपुर एवं रायपुर जिलों में सप्लाई करते थे आरोपी लक्ष्मण गाईन के कब्जे से घटना में प्रयुक्त हुंडई वर्ना कार क्रमांक सी जी/04/एच क्यू /1011 को भी जप्त किया गया है। इस तरह से रायपुर पुलिस द्वारा इस ड्रग्स के काले कारोबार से जुड़े पूरे नेटवर्क को तोड़ते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया रायपुर के 05 अन्य ड्रग्स कारोबारी का नाम सामने । आया है जो आरोपी श्रेयांस झाबक एवं विकास बछर की गिरफ्तारी के बाद से फरार हो गये हैं, जिनकी पतासाजी की जा रही है। इसके अलावा कई अन्य ग्राहक जो ड्रग्स क्रय करते थे सभी फरार हो गये हैं, जिनकी पतासाजी की जा रही है। ऐसी जानकारी प्राप्त हुई कि आरोपी मिन्हाज मेमन अपने साथी । सद्दाम के साथ रायपुर के कई क्लबों में भी ड्रग्स की सप्लाई करता था, जिसके संबंध में विस्तृत पूछताछ करते हुये जानकारी एकत्रित की जा रही है। आरोपियों द्वारा ड्रग्स की लत लगाने के लिये ग्राहकों को पहले सस्ते दाम में ड्रग्स दिया जाता है और लत लगने के बाद अधिक दामों में बिक्री किया जाता था। रायपुर पुलिस द्वारा ड्रग्स कारोबारियों के विरूद्ध अब तक की पसली वसवसे बड़ीं कारयवा। की गई। नशा का कारोबार करने वाले कारोबारियों के विरुद्ध रायपुर पुलिस का अभियान लगातार जारी रहेगा।
गिरफ्तार आरोपी–
01. अभिषेक शुक्ला उर्फ डेविड पिता शशिकांत शुक्ला उम्र 26 साल निवासी यदुनंदन नगर तिफरा बिलासपुर।
02. मोह0 मिन्हाज उर्फ हनी पिता फजल मेमन उम्र 26 साल निवासी राज किशोर नगर बिलासपुर ।
03. एलन सोरेन पिता जॉर्ज सोरेन उम्र 22 साल निवासी बंधवापारा सरकण्डा बिलासपुर ।
04. रोहित आहूजा पिता कन्हैया लाल आहुजा उम्र 21 साल निवासी खान बाड़ा जबड़ापारा बिलासपुर ।
05. राकेश अरोड़ा उर्फ सोनू पिता अशोक अरोड़ा उम्र 28 साल निवासी कपिल नगर सरकण्डा बिलासपुर।
06. अब्दुल अजीम उर्फ सद्दाम पिता अब्दुल वहीद उम्र 27 साल निवासी पुराना बस स्टैण्ड बिलासपुर ।
07. लक्ष्मण गाईन पिता सुधांशु गाईन उम्र 32 साल निवासी सिरगिट्टी बिलासपुर।
आरोपियों की गिरफ्तारी में लगी टीम को पुलिस महानिरीक्षक रायपुर क्षेत्र रायपुर द्वारा 30,000/- रुपये एवं पुलिस उपमहानिरीक्षक / वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा 20,000/-रूपये नगद ईनाम देने की घोषणा की गई है।