रायपुर . छत्तीसगढ मे विधानसभा चुनाव है. और इसी दौरान बस्तर संभाग मे नक्सलियो का आंतक फिर जारी हो गया है. चुनाव के आते ही नक्सलियो के खौफ से सुरक्षाकर्मी ही नही बल्कि आम और खास लोगों के साथ पत्रकार भी सुरक्षित नहीं हैं. ऐसे मे फिल्म स्टार से कांग्रेस के स्टार तक का सफर तय करने वाले राजबब्बर ने एक ऐसा बयान दे दिया है. जो चुनावी समर मे कांग्रेस की तबियत के लिए ठीक नही हैं. राजबब्बर ने प्रदेश की राजधानी रायपुर मे एक पत्रकार वार्ता के दौरान नक्सवाद के एक सवाल पर ऐसा बयान दिया. जिससे विरोधियो को बोलने का मौका मिल गया है. और कांग्रेस बैकफुट मे आ गई है ।
छत्तीसगढ मे दो चरणो मे चुनाव होने है. जिसके लिए प्रदेश मे स्टार प्रचारको की पहली खेप आनी शुरु हो गई है. लेकिन ये स्टार प्रचारक कभी कभी पार्टी के लिए फायदेमंद तो कभी नुकसानदायक भी साबित हो सकते है. मामला यूपी कांग्रेंस अध्यक्ष राजब्बर के चुनावी दौरे से जुडा है. दरअसल राजबब्बर अपने चुनावी सभा के दौरान आज रायपुर मे प्रेस को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होने मीडिया के कई सवालो पर विरोधी खेमे को घेरते नजर आए. लेकिन एक सवाल के जवाब मे वो खुद ऐसा घिरे की उससे उबर पाना मुश्किल नही है. क्योकिं प्रदेश के नक्सलवाद के बारे मे पूंछे गए सवाल पर उनका जवाब था
गोलियो से मसले हल नही होते है , उनके सवालो का जवाब देना पडेगा, उनको लालच देकर या डरा कर क्रांति से जो लोग निकले हैं उनको रोका नही जा सकता है .
राजबब्ब इतने मे भी नही रुके उन्होने आगे कहा
वो लोग आभाव मे हैं, जिनका अधिकार छीना गया है. वो लोग अपने अधिकार के लिए प्राणों की आहूति दे रहें हैं , वो हिंसा करके गलती कर रहे हैं , क्योंकि गोलियो से हर नही होता है, न इधर की बंदूख से हल निकलेगा, न उधर की बंदूक से हल निकलेगा, अगर हल निकलेगा तो बातचीत से ही निकलेगा
सीएम ने कहा
इधर सीएम डां रमन सिंह ने इलेक्ट्रानिक मीडिया से चर्चा के दौरान राज बब्बर के इस बयान पर आपत्ति दर्ज कराई है और कहा है कि राजनीतिक फायदे के लिए कांग्रेसी नेताओ को हमेशा से माओवादियों के प्रति सहानुभूति रही है
ऐसे वक्त मे आया बयान
हाल ही में दंतेवाड़ा में नक्सलियो के खिलाफ ऑपरेशन पर निकले सुरक्षाबलों पर हुए माओवादी हमले में एक सब इंस्पेक्टर, एक कॉन्सेटबल और डीडी न्यूज के कैमरामैन अच्युतानंद साहू शहीद हुए हैं.