रायगढ़…जिले के 1500 से ज्यादा स्कूलों को संवारने का काम जोरों पर हैं। स्कूलों में मरम्मत का काम तेजी से पूरा किया जा रहा हैं। स्कूल भवन में कक्षाओं और शौचालय की मरम्मत के साथ जरूरत के मुताबिक अतिरिक्त कक्ष निर्माण के साथ भवनों की रंगाई-पोताई भी हो रही हैं। ताकि, नवीन शिक्षा सत्र में जब बच्चे स्कूल पहुंचे तो उन्हें उनका स्कूल नए कलेवर में मिले। जिले में लगभग डेढ़ हजार से ज्यादा स्कूलों की मरम्मत की प्रक्रिया चल रही हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना, और डीएमएफ – सीएसआर से मिलाकर करीब 130 करोड़ की राशि खर्च की जा रही हैं।
कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने इसके लिए विभागीय अधिकारियों को मिशन मोड में काम करने के निर्देश दे रखे हैं। वे खुद नियमित रूप से काम-काज की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने पिछले दिनों शिक्षा विभाग, आरईएस और ठेकेदारों की बैठक लेकर सभी स्कूलों में हो रहे काम के प्रोग्रेस का पूरा ब्यौरा लिया था। इस दौरान प्रिंसिपल्स को काम के क्वालिटी के मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सभी एसडीएम को भी नियमित रूप से समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर सिन्हा ने विशेष रूप से सभी अधिकारियों को निर्देशित किया हैं। बच्चों की गर्मी की छुट्टी का लाभ निर्माण कार्यों को तेजी से पूरा करने में लें। स्कूलों में मरम्मत का जिम्मा आरईएस को दिया गया हैं।
मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना से हो रहा कायाकल्प
अगले सत्र 2023-24 से पहले स्कूलों की मरम्मत को शासन ने प्राथमिकता में रखा हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वयं इस संबंध में ‘मुख्यमंत्री स्कूल जतन’ योजना की घोषणा की हैं। शासन द्वारा स्कूलों का सर्वे कर मरम्मत योग्य स्कूलों की जानकारी मंगाई थी। शासन द्वारा जारी स्वीकृति आदेश के मुताबिक डीपीआई मद से 1536 स्कूलों के लिए 97 करोड़ 10 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इसके पूर्व के आदेश मुताबिक 10 करोड़ 11 लाख रुपए की राशि राज्य शासन द्वारा दिया जा रहा है। इस राशि से जिले के 182 स्कूलों में मरम्मत कार्य होंगे तथा आवश्यकतानुसार अतिरिक्त कक्ष का निर्माण करवाया जाएगा। इसी के साथ ही, 1962 के पूर्व निर्मित स्कूल भवनों के मरम्मत व रखरखाव के लिए 4 करोड़ 8 लाख रुपए दिए जा रहे हैं। इसके साथ समग्र शिक्षा अभियान के तहत् 62 स्कूलों में कार्यों को मंजूरी दी गयी हैं।
डीएमएफ – सीएसआर से भी खर्ची जा रही हैं राशि
अगले शिक्षा सत्र 2023-24 से 31 आत्मानंद स्कूल और प्रारंभ हो रहे हैं। इसके उन्नयन के लिए कलेक्टर सिन्हा ने CSR मद से 15 करोड़ 72 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की हैं। DMF से 25 स्कूलों के लिए कुल 1 करोड़ 95 लाख रुपए दिए गए हैं।