बिश्रामपुर (पारसनाथ सिंह) सूरजपुर जिलान्तर्गत ग्राम रामनगर में शौचालय के आधे-अधूरे निर्माण के बीच ही पंचायत को खुले में शौच मुक्त करने की तयारी की जा रही है.. गौरतलब है की ग्राम पंचायत रामनगर में 20 वार्ड शामिल है, और यहाँ की जनसंख्या लगभग 4500 है, तथा ग्राम पंचायत को ओडीएफ बनाने के लिए कुल 900 शौचालय का निर्माण कराना था, लेकिन पंचायत के अनुसार अब तक 800 शौचालय ही बने हैं, तथा रामनगर के डबरीपारा में देखा जाये तो अधिकांशत: शौचालय अधूरे पड़े हैं, यहाँ कई शौचालय ऐसे हैं, जिनमे दरवाजा नहीं है, वही किसी में पानी का कमी तो कहीं सेप्टिक टैंक नहीं बनाया गया है, कई हितग्राहियो के शौचालय तो केवल गड्ढा खोदकर ही छोड़ दिए गए हैं, मज़बूरी में लोग खुले में शौच करने जाते हैं, और अभी बरसात के दिनों में सांप-बिच्छू का भय भी बना रहता है,
वही के ग्रामीणों ने बताया की एक डेढ़ महीने से कोई जनप्रतिनिधि इसे देखने भी नहीं आते, तथा सबसे बड़ी बात यह है की इस गांव में एक बैंक और कई स्कूलें है लेकिन इतने बड़े गांव में एक भी सार्वजानिक शौचालय नहीं है, इस कार्यप्रणाली को लेकर ग्रामीणों में जमकर आक्रोश है.. ग्राम पंचायत द्वारा शौचालय के लिए खोदे गए गड्ढो को अधूरा छोड़ने के कारण ग्रामीणों के साथ-साथ मवेशियों के लिए भी आय-दिन हादसे का भय बना रहता है, तथा अधूरे गड्ढो में कई बार मवेशियों जाने जा चुकी हैं। ऐसे में ग्राम पंचायत को ओडीऍफ़ घोषित करना महज आंकड़ो की खाना पूर्ती ही होगी…