पोस्टमार्टम के लिए 27 घंटे तक पडा रहा मृत बंदी का शव

अंबिकापुर स्थानीय मेडिकल कालेज कालेज में एक बार फिर शव को पोस्टमार्टम के लिए 27 घंटे इन्तजार करना पडा.. लेकिन इस बार भी लापरवाही अस्पताल प्रबंधन की नहीं थी बल्की केन्द्रीय जेल प्रबंधन ने कागजी कार्यवाही में विलंब किया जिस वजह से शव के पंचनामा में विलंब होने के कारण पोस्टमार्टम में देरी हुई है..

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गौरतलब है की अम्बिकापुर केन्द्रीय जेल में ह्त्या के प्रयास के मामले में सजा याफ्ता बंदी की इलाज के दौरान कल मंगलवार को मौत हो गई थी.. बंदी को इलाज के लिए मेडिकल कालेज अस्पताल के जेल वार्ड में रखा गया था.. बताया जा रहा है की बंदी को खून की कमी थी और इसी वजह से वह बीमार हो गया था.. बंदी चमरू कँवर को रामानुजगंज जिला जेल से 8  दिसंबर 2016 को इलाज के लिए सेन्ट्रल जेल अंबिकापुर लाया गया था.. और 12 जून 2017  को बंदी की तबियत ज्यादा बिगड़ने के कारण उसे मेडिकल कालेज अस्पताल में रखा गया था.. बता दे की बंदी को ह्त्या के प्रयास के जुर्म में सात साल की सजा सुनाई गई थी..

वार्ड में ही घंटो पडा रहा शव

वही कैदी की मौत के मामले में हद तो तब हो गई जब अस्पताल में ज़िंदा लोगो के बीच में घंटो तक शव पडा रहा लेकिन अस्पताल के गैरजिम्मेदार स्टाफ ने शव को पीएम हाउस भेजने की जहमत नहीं उठाई.. जेल वार्ड में इलाज के लिए ज़िंदा कैदियों के बीच में ही मृत कैदी का शव कई घंटो तक पडा रहा..

नहीं पहुचे परिजन

जेल में बंद कैदी की मौत के बाद जेल प्रबंधन ने कैदी के घरवालो को सूचना दे दी थी लेकिन पोस्टमार्टम होने तक मृतक के घर से कोई भी नहीं पंहुच सका है ऐसे में प्रशासन के सामने एक नई चुनौती भी खाडी हो गई है आखिर मृतक के शव को पोस्टमार्टम के बाद किसके सुपुर्द किया जाएगा..

कल शाम को आई तहरीर

इस सम्बन्ध में नायब तहसीलदार प्रतिमा चंद्रा ने बताया की जेल प्रबंधन ने देर से तहरीर भेजी थी कल देर शाम को तहरीर प्राप्त हुई थी इस वजह से पोस्टमार्टम में विलंब हुआ है.