सुकमा. जिले में पुलिस व फोर्स के जवानों को बड़ी सफलता मिली है. साल के पहले दिन 44 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर सरेंडर कर दिया. सुकमा पुलिस द्वारा चलाए जा रहे पूना नर्कोम (नई सुबह की नई शुरुआत) अभियान के तहत करीगुंडम सीआरपीएफ कैंप में 9 महिला सहित कुल 44 नक्सली मुख्य धारा में लौटे. इस दौरान समर्पण करने वाले नक्सलियों व ग्रामीणों को कैंप में भोजन कराया गया. सरेंडर करने वाले नक्सली चिंतागुफा, चिंतलनार, भेजी क्षेत्र की कई नक्सल घटनाओं में शामिल रहे हैं. बड़ी संख्या में समर्पण से माओवादी संगठन को झटका लगा है.
सुकमा एसपी सुनील शर्मा ने बताया कि जिले में खुले नए कैंप कुरीगुंडम में 9 महिला सहित 44 नक्सलियों ने आत्म समर्पण किया है, जिसमें इनामी नक्सली भी शामिल हैं. कैंप से लगे आसपास के गांवों के 300 से ज्यादा ग्रामीण महिला, पुरुष, बच्चे व बुजुर्गों के साथ नक्सली सरेंडर करने पहुंचे थे. ग्रामीणों को कैंप में भोजन कराया गया और उन्हें शासन की योजनाओं की जानकारी दी. एसपी शर्मा ने बताया कि सरेंडर करने वाले माओवादियों में प्लाटून नंबर 4 का सदस्य, भूमकाल मिलिशिया सदस्य, सीएनएम सदस्य, संघम सदस्य, ग्राम रक्षा दलम के लोग शामिल हैं. आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन की पुनर्वास नीति के तहत लाभ दिया जाएगा.
एसपी सुशील शर्मा ने बताया कि जिला पुलिस द्वारा चलाए जा रहे पूना नर्कोम अभियान से प्रभावित होकर नक्सली समर्पण कर रहे हैं. सरेंडर करने वाले नक्सलियों को रोजगार से जोड़ने प्रशिक्षण दिया जा रहा है. करीगुंडम कैंप में नक्सलियों से उनके किए गए अपराधिक घटनाओं की जानकारी ली गई. उनसे कई महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है. इस दौरान 150 वाहिनी सीआरपीएफ के कमांडेंट राजेश यादव, एएसपी (नक्सल ऑपरेशन) आंजनेय वार्ष्णेय, एएसपी सुकमा ओम चंदेल, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी विजय सिंह राजपूत, एसडीओपी निशांत पाठक, निरीक्षक ईश्वर ध्रुव, भीमार्जुन तांडी, अशोक यादव, भीमसेन भारती सहित बड़ी संख्या में जवान उपस्थित थे.