सरकारी दावा : ग्रामीण इलाकों में 2024 तक हर घर में पाईप लाइन के माध्यम से होगी पानी की सप्लाई.. सीएम बघेल ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए की चर्चा..

रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में हर घर नल के जरिए वर्ष 2024 तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने के लिए राज्य सरकार मिशन मोड में कार्य करेगी. इसके लिए कार्य योजना तैयार कर ली गई है. सीएम बघेल ने आज केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी. केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कॉन्फ्रेंस में छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन (हर घर नल-ग्रामीण) के क्रियान्वयन के संबंध में विचार-विमर्श किया. सीएम बघेल ने कहा कि राज्य और केन्द्र सरकार मिलकर यह मिशन समय-सीमा के अंदर पूरा करेंगे. केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने इस मिशन के क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया है.

छत्तीसगढ़ के कृषि और जलसंसाधन मंत्री रविंद्र चौबे, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, जल संसाधन और लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव अविनाश चंपावत भी इस अवसर पर उपस्थित थे. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन की घोषणा की थी. जिसके तहत वर्ष 2024 तक ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर नल के जरिए स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस मिशन में ग्रामीण क्षेत्र के हर घर में पाईप लाइन के माध्यम से 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन स्वच्छ पानी देने का प्रावधान है.

मुख्यमंत्री बघेल ने चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री शेखावत से कहा कि छत्तीसगढ़ की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखकर जल जीवन मिशन के लिए केन्द्र सरकार के योगदान को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत किया जाना चाहिए और राज्य का अंश 25 प्रतिशत रखा जाना चाहिए. वर्तमान में इस मिशन में 50 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार द्वारा और 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा देने का प्रावधान है. मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की आबादी आदर्श स्थिति में है लेकिन छत्तीसगढ़ देश का नवां बड़ा राज्य है. छत्तीसगढ़ आदिवासी राज्य है, यहां बड़े क्षेत्र में वन हैं और आबादी विरल है. छत्तीसगढ़ के बस्तर और सरगुजा में कई गांव कई वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हैं. इसलिए यहां हर घर पाईप लाइन के जरिए पेयजल पहुंचाने में ज्यादा राशि खर्च करनी होगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के आदिवासी इलाकों में विशेष कर बस्तर में बड़ी वाटर बॉडी नहीं है. यदि हर घर को पानी देना है, तो इसके लिए जल की व्यवस्था भी करनी होगी. मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी ‘नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि नरवा योजना के अंतर्गत प्रदेश के 30 हजार नालों को पुनर्जीवित किया जाएगा. वर्तमान में 1100 नालों के लिए कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. इसके लिए वैज्ञानिक ढ़ंग से सेटेलाईट नक्शों का उपयोग कर कार्य योजना तैयार की गई है. इस योजना के माध्यम से वाटर रिचार्जिंग कर निस्तार, पीने के पानी, सिंचाई और औद्योगिक गतिविधियों के लिए पानी की कमी नहीं होगी.
    

केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने जल जीवन मिशन के लिए हर संभव सहयोग उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि हर घर पानी पहुंचाने के कार्य में कैंम्पा, मनरेगा और 15 वें वित्त आयोग से मिलने वाली राशि का उपयोग किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि जिन गांवों में पेयजल के लिए जल स्त्रोत और ठंकी की व्यवस्था है, वहां पाईप लाइन के माध्यम से घरों में पानी देने का कार्य प्रारंभ किया जा सकता है. इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
    

कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि बस्तर क्षेत्र में गांवों तक सिंचाई जलाशयों से पानी लाने की व्यवस्था करनी होगी. बस्तर क्षेत्र की बोधघाट सिंचाई परियोजना केन्द्रीय जल आयोग में स्वीकृति के लिए भेजी गई है. इस योजना से नक्सल प्रभावित बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिले में सिंचाई होगी और इन क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के लिए जल उपलब्ध हो सकेगा. मंत्री चौबे ने केन्द्रीय मंत्री शेखावत से बोधाघाट परियोजना को जल्द स्वीकृति दिलाने तथा छत्तीसगढ़ और ओड़िशा के मध्य जल विवाद हल करने में सहयोग का आग्रह किया. उन्होंने नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना की जानकारी दी और बताया वन विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विभाग तथा वाटर शेड के माध्यम से जल संरक्षण और संवर्धन के काम कराए जा रहे हैं. लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्र कुमार ने बैठक में कहा कि जल जीवन मिशन के लिए राज्य में सभी जिलों के लिए कार्य योजना तैयार कर ली गई है. इस मिशन के लिए संसाधनों की कमी नहीं होगी.

जल जीवन मिशन के अंतर्गत गांवों में पाईप लाइन के जरिए पानी सप्लाई में होने वाले खर्च में केन्द्र और राज्य सरकार के योगदान के साथ 10 प्रतिशत भागीदारी स्थानीय समुदाय की होगी. गांवों में जितनी राशि जमा होगी उतनी ही राशि केन्द्र और राज्य सरकार देंगी। इस राशि का उपयोग गांव की नल जल योजना के संधारण में किया जाएगा. बैठक में बताया गया कि छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में पाईप लाइन के माध्यम से अब तक 11 प्रतिशत घरों में ही पानी सप्लाई की जा रही है। इस मिशन के माध्यम से शतप्रतिशत घरों तक पाईप लाइन से पानी की सप्लाई की जाएगी. प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में 43 लाख 17 हजार घरों में से अब तक 4 लाख 82 हजार घरों में ही पाईप लाइन से पानी की सप्लाई की जा रही है। जल जीवन मिशन के माध्यम से 38 लाख 34 हजार घरों में पानी सप्लाई की जाएगी.