आरटीओ चेक पोस्ट तो बंद हो गया साहब लेकीन इन देशी आरटीओ का कुछ करो ये राहगीरो की जान के लिए ख़तरा बने हुए है.. आरटीओ की अवैध वसूली से तो आम लोगो को आजादी मिल गई है लेकीन सड़क पर आरटीओ के रूप में खड़े इन मवेशियों से कौन बचाएगा..
मामला अम्बिकापुर शहर के यातायात कार्यालय व जिम्मेदार नगर निगम कार्यालय के पास का है जहाँ सड़क पर ही मवेशियों का डेरा रहता है.. आलम यह है की सड़क पर चलने वाले राहगीरों की तरफ अचानक इन मवेशियो का रुख हो जाने से दुर्घटनाये हो जाती है.. लेकिन कोई भी इन्हें हटाने नहीं आता.. नगर निगम में आवारा मवेशियों को रखने कांजी हाउस की व्यवस्था है और बाकायदा उसके लिए राजस्व रिकार्ड भी मेंटेन होता है लेकिन फिर भी शहर वासी सुरक्षित नहीं है…
सप्ताह भर पहले एक समाचार पत्र के संवाददाता भी मवेशियों के झुड के शिकार हो गए थे और उन्हें चोट भी आई थी.. उनकी किस्मत अच्छी थी की बच गए वरना बड़ी दुर्घटना भी हो सकती थी.. दरअसल ये पत्रकार महोदय एक समाचार का कवरेज कर एमजी रोड की ओर से अपने कार्यालय वापस लौट रहे थे तभी बनारस चौक के आगे एसबीआई एटीएम् के सामने मवेशियों का झुडं आया उसमे से एक मवेशी बाइक सवार पत्रकार की ओर दौड़ पडा नतीजन लाख प्रयास के बाद भी वो खुद को नहीं बचा पाए और मवेशी की टक्कर से गिर पड़े…
बहरहाल ये तस्वीर और ये वाकया तो हमारी नजर में आया इसलिए हम यहाँ लिख पा रहे है शहर की अन्य गलियों में रोजाना ना जाने कितने लोग इस तरह की घटनाओं के शिकार हो रहे होंगे इसका अनुमान लगाया जा सकता है.. लेकिन नगर को पालने वाली नगर पालिक निगम को इन सब बातो से कोई सरोकार नहीं है.. हां टेक्स वसूलने या फिर स्वछता के नाम पर व्यापारियों और नागरिको को उनकी जिम्मेदारी का आइना जरूर दिखाया जाता लेकिन लेकिन नगर निगम खुद अपनी जिम्मेदारियों से मु मोड हुए है..