दंतेवाड़ा. लाँकडाउन के बीच नक्सलियों द्वारा भी एक अप्रैल को दंडकारण्य बंद का आहवान किया गया है. एन पी आर के विरोध में बंद का आहवान किया जा रहा है. नक्सलियों ने एनपीआर को गरीबो का विरोधी बताया है. साथ ही किरंदुल – बचेली रोड पर पर्चे फेके हैं. यह मामला बचेली थाना छेत्र का है.
क्या है NPR?
नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर यानी राष्ट्रीय जनगणना रजिस्ट्रर NPR के तहत 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक नागरिकों का डेटाबेस तैयार करने के लिए देशभर में घर-घर जाकर जनगणना की तैयारी है. इसमें देश के हर नागरिक की जानकारी दर्ज होगी. एनपीआर हर दस साल में होने वाली जनगणना का हिस्सा है. देश के सभी निवासियों की व्यापक पहचान का डेटाबेस बनाना एनपीआर का मुख्य उद्देश्य है. इस डाटा में जनसंख्या के आंकड़ों के साथ ही भारत के हर नागरिक की बायोमीट्रिक जानकारी भी दर्ज होगी. आधार कार्ड की तरह ही इस बार एनपीआर में भी आंखों की रैटिना और फिंगर प्रिंट भी लिए जाएंगे.
इससे पहले बीते दिनों दक्षिण सबजोनल ब्यूरो द्वारा एनपीआर के विरोध में पर्चे लगाए गए थे. जिसमें उन्होंने एनपीआर, एनआरसी, सीएए, को रद्द करने का मांग भी की है. और केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए इन कार्यक्रमों का विरोध किया था.