
जांजगीर-चांपा। जिला मुख्यालय में इन दिनों निजी हॉस्पिटल संचालक मरीजों से इलाज के नाम पर लूट खसोट कर रहे हैं। बड़े-बड़े बिल्डिंग एवं तामझाम के चक्कर में मरीज भी अस्पताल में इलाज कराने आते है कि अच्छा इलाज हो जाएगा, लेकिन जांजगीर-चांपा जिले में निजी हॉस्पिटल संचालक मरीजो को बेहतर इलाज तो नहीं कर पा रहे है बल्कि उनसे मोटी रकम लूट रहे हैं। जिस पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी कार्रवाई करने में नाकाम साबित हो रही है। यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी कई ऐसे मामले आए हैं, जिसकी शिकायत कलेक्टर से लेकर जिला के स्वास्थ्य अधिकारी तक पहुंची है, लेकिन कार्रवाई शून्य नजर आ रहा है।
ऐसा ही एक मामला जिला मुख्यालय के कलेक्टोरेट चौक स्थित श्री मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में सामने आया है। ग्राम सिलाडेही बर्रा निवासी विनोद साहू घायल होने के बाद एंबुलेंस चालक द्वारा सस्ते में इलाज के बहाने उन्हें श्री मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल जांजगीर भर्ती कराया गया। जहां हॉस्पिटल संचालकों ने आयुष्मान कार्ड में इलाज करने की बात कही, लेकिन तीन दिन बाद अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें 2.60 लाख का बिल थमा दिया। जिसको देखकर मरीज विनोद साहू के होश उड़ गए। जब इस पर प्रबंधन से बात करना चाही तो अस्पताल प्रबंधन उसे धमकी देने लगा और कहने लगा, वह अगर बिल नहीं पेड करोगे तो यह अमाउंट 5 से 6 लाख हो जाएगा।
मरीज विनोद साहू को कुछ समझ नहीं आया तो यह बात अपने परिजनों को बताई, तब परिजनों ने डॉक्टर सुनील साहू से बात करना चाही, तो सुनील साहू ने उन्हें स्मार्ट कार्ड में इलाज नहीं करने की बात कहते हुए उन्हें कोरा चेक पर साइन करने को दबाव बनाया गया, और वहां के स्टाफ द्वारा कोरे स्टांप में लिखवाकर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया। पूरे मामले की शिकायत विनोद साहू के परिजन ने जांजगीर-चांपा के पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला से की है। अब देखना होगा इस पर पुलिस अधीक्षक एवं स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी क्या संज्ञान लेते हैं।
हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है। जिले में कई ऐसे बड़े हॉस्पिटल बेहतर इलाज के नाम पर मरीजों को लूटने का काम कर रहे हैं। श्री मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में सभी बीमारियों का स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की लंबी लिस्ट बताया जाता है, लेकिन वहां कोई स्पेशलिस्ट डॉक्टर मौके में मौजूद नहीं होते, सिर्फ केस आने पर डॉक्टरो को कांटेक्ट बेस में बुलाया जाता है।