बस स्टैंड में एजेंटी प्रथा फिर हुई शुरू
बतौली (निलय त्रिपाठी) बतौली थाने में पदस्त स्टाफ की संख्या 30 के लगभग है.. पर शाम होते ही यह संख्या काफी कम नजर आने लगती है. कारण यह है की ज्यादातर स्टाफ मुख्यालय में निवास नही करते है, इसी वजह से शाम 7 बजे के बाद थाने में सन्नाटा सा नजर आने लगता है.. दिखावे के लिए तो मुख्यालय में किराये का रूम भी ले रखे है, पर ज्यादा तर रूम में ताला लटका रहता है.. इस वजह से स्थानीय लोगों में नाराजगी है..
वही पिछले कुछ महीनो से बगीचा चौक बस स्टैंड में 24 घंटे पुलिस के जवानों की डयूटी में भी कटौती कर दी गई.. बस स्टैंड में आये दिन बस आपरेटर के बीच सवारी को लेकर झगड़ा होता है, ये देख कर आसपास रह रहे स्थानीय ब्यापारियों ने पुलिस के आला अधिकारीयों को बात कर बस स्टैंड में जवानों की डयूटी लगाने की बात रखी थी, जिसे गंभीरता से लेते हुए पुलिस के आला अधिकारिओं ने तत्काल प्रभाव से दो जवानों की 24घंटे के लिए बस स्टैड में डयूटी लगाने का आदेश दिया था..
लेकिन कुछ महीनों से बतौली बस स्टैंड में पुलिस के जवान नदारत नजर आ रहे है.. बस स्टैंड में पुलिस की तैनाती न होने की वजह से बस चालक बस जहाँ तहा खड़ा कर मनमानी करते नजर आ रहे है.. वही बार बार बस एजेंटों के झगड़े से परेसान आस पास के ब्यापारियों ने एजेंटी प्रथा समाप्त करने के लिए गृहमंत्री से सिकायत भी की थी.. जिस पर तत्काल प्रभाव से गृहमंत्री ने जिले के पुलिस अधीक्षक को आदेश देकर बतौली बस स्टैंड से एजेंटी प्रथा समाप्त करने के लिए कहा था..
इस दौरान बतौली बस स्टैंड से एजेंटो की विदाई भी कर दी गई थी पर कुछ महीनों से पुन: बस स्टैंड में बतौली पुलिस के द्वारा एजेंटों को स्थापित कर दिया गया है.. जिस से पुन: बस स्टैंड में अशांति फैलने की आशंका है.. यही सब वजह है की बतौली पुलिस की कार्यप्रणाली पर इन दिनों स्थानीय नागरिक व जनप्रतिनिधि आवाज उठा रहे है..
रंजीत एक्का एसडीओपी सीतापुर
एजेंटी प्रथा दोबारा शुरू करने के सवाल पर क्षेत्र के एसडीओपी रंजीत एक्का ने कहा की उनको कोई जानकारी नहीं है.. पुलिस वालो के मुख्यालय में ना रहने के सवाल पर उन्होंने कहा की किसी किसी का घर अंबिकापुर में होने के कारन हो सकता है की वो लोग रात में घर में रुक जाते है.. उन्होंने कहा की वैसे इस सम्बन्ध में टी आई साहब से बात करना होगा..