
महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में इन दिनों सियासी पारा चढ़ा हुआ है। वजह है, विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा की “गुमशुदगी” के पोस्टर, जो न सिर्फ शहर बल्कि आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की दीवारों पर भी नजर आ रहे हैं। इन पोस्टरों में दावा किया गया है कि विधायक जनता की समस्याओं से “गायब” हैं, और उन्हें खोजकर लाने वाले को इनाम दिया जाएगा।
इस घटनाक्रम ने राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी है। जहां एक ओर विधायक ने इसे विपक्ष की “घटिया साजिश” बताया है, वहीं कांग्रेस इसे “जनता की पीड़ा की अभिव्यक्ति” मान रही है।
पोस्टर में क्या लिखा है?
वायरल हो रहे पोस्टरों में महासमुंद विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा की तस्वीर के साथ एक करारा संदेश लिखा है, “महासमुंद क्षेत्र के विधायक गुम हो गए हैं, खोजकर बताने वाले को उचित इनाम मिलेगा। तुमगांव, पटेवा और सिरपुर क्षेत्र के किसान, बेरोजगार, छात्र और महिलाएं अपनी समस्याएं लेकर गांव-गांव घूम रहे हैं लेकिन विधायक का कोई अता-पता नहीं। जनता को शक है कि कहीं करणी कृपा प्रबंधन ने उन्हें अपने यहां तो नहीं छिपा रखा?”
पोस्टर के अंत में अपीलकर्ता के रूप में “तुमगांव-सिरपुर क्षेत्र के किसान, बेरोजगार एवं महिलाएं” का उल्लेख है।
महासमुंद और खल्लारी, दोनों विधानसभा क्षेत्रों में लगे पोस्टर
पोस्टर केवल महासमुंद में ही नहीं, बल्कि खल्लारी विधानसभा क्षेत्र के कई हिस्सों में भी लगाए गए हैं। वायरल वीडियो में खल्लारी स्थित मातेश्वरी पहाड़ी की सीढ़ियों के पास एक पोस्टर स्पष्ट रूप से देखा गया।
विधायक ने विपक्ष पर लगाया षड्यंत्र का आरोप
विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा ने इन पोस्टरों को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ये सब विपक्ष की साजिश है और वो स्वास्थ्य कारणों से कुछ समय से निवास पर ही लोगों से भेंट कर रहे हैं।
“मेरी कमर की L5 और L8 हड्डियों में दिक्कत है, डॉक्टर ने बेड रेस्ट की सलाह दी है। फिर भी मैं जनता से संपर्क में हूं। जो लोग यह हरकत कर रहे हैं, सामने आएं, अपनी पहचान बताएं,” – योगेश्वर राजू सिन्हा, विधायक महासमुंद।
कांग्रेस बोली – विधायक पहले दिन से ही गायब
कांग्रेस की जिला अध्यक्ष डॉ. रश्मि चंद्राकर ने कहा कि ये पोस्टर किसी साजिश का हिस्सा नहीं, बल्कि जनता की तकलीफों की प्रतिक्रिया है। “किसान खाद के लिए भटक रहे हैं, ग्रामीण बिजली कटौती से परेशान हैं, लेकिन विधायक से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा। अगर वो बीमार हैं तो एक प्रतिनिधि नियुक्त करें, पर ये तो शुरुआत से ही नदारद हैं।” – डॉ. रश्मि चंद्राकर
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विधायक क्षेत्र की समस्याओं को सुनने के लिए सदैव उदासीन रहे हैं और आज जब जनता आक्रोशित हुई है, तो उसे राजनीतिक साजिश बताया जा रहा है।