Korea News: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर छत्तीसगढ़ के पारंपरिक फसलों को बढ़ावा देने और प्रदेश में कुपोषण की दर को कम करने के उद्देश्य से मिलेट मिशन योजना की शुरूआत की गई हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को ‘अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया हैं। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मिलेट्स से बने ब्यंजनो को लोगों की थाली तक पहुँचाने के उद्देश्य से राज्य के सभी जिलों में मिलेट्स कैफ़े खोले जाने हेतु प्रोत्साहित किया गया हैं। योजना के अंतर्गत राज्य के प्रत्येक जिले में मिलेट्स कैफे की शुरूआत की जा रही हैं। योजना के अंतर्गत कोरिया जिले में भी 10 मई से कोरिया मिलेट्स कैफे का संचालन शुरू किया गया हैं। संचालन के एक माह के भीतर ही कोरिया मिलेट्स कैफे (Korea Millets Cafe) ने सफलता का नया कीर्तिमान रच दिया हैं।
कोरिया मिलेट्स कैफे (Korea Millets Cafe) ने 12 महिलाओं के साथ ही कुल 18 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया हैं, और इनके सामुहिक प्रयास से कैफे को एक महिने में ही 2 लाख रूपए का शुद्ध लाभ हुआ हैं। कोरिया मिलेट्स कैफ़े कोरिया जिले में ज्वार, बाजरा, रागी, झंगोरा, बैरी, कंगनी, कुटकी (लघु धान्य), कोदो, चेना (चीना), सामा या सांवा, कुटकी और जौ आदि मिलेट से बने लजीज ब्यंजनो जैसे डोसा, चीला, इडली, खीर, गुलाबजामुन, कूकीज, का स्वाद लेने का एक मात्र स्थान है। ये कैफे शुरू होने के पहले दिन से ही लोंगो के लिए आकर्षण का केंद्र बनकर उभरा हैं। यहां आने वाले उपभोक्ताओं के लिए मिलेट्स के स्वादिष्ट ब्यंजनो के साथ बैठने की बेहतरीन ब्यवस्था, उत्तम सर्विस और सेल्फी प्वाइंट का भी प्रबंध किया गया हैं। कैफे में सप्ताह के प्रत्येक शनिवार को म्यूजिक नाईट प्रोग्राम किया जाता हैं। जिसकी वजह से लोग यहां आकर अपनी आउटिंग को मजेदार और खुशनुमा बनाते हैं।
कोरिया मिलेट्स कैफ़े (Korea Millets Cafe) का संचालन रोशनी महिला स्व-सहायता समूह द्वारा किया जा रहा हैं। पिछले एक महीने में समूह ने कैफे का संचालन करते 2 लाख रूपए की आय अर्जित करते हुए भविष्य की नई संभावनाओं को जन्म दिया हैं। इससे मिलेट्स का उत्पादन करने वाले किसानों को अपने उत्पाद बेचने का स्थान प्राप्त हुआ हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कैफे में कार्यरत लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त होने का एक नया रास्ता भी मिला हैं।