अम्बिकापुर
सरगुजा संभाग के कमिष्नर श्री टी.सी.महावर द्वारा आज सरगुजा जिला मुख्यालय अम्बिकापुर स्थित प्राथमिक विद्यालय बिषुनपुर की शैक्षिक गुणवत्ता की जांच की गई। इस दौरान उन्होंने पहली से पांचवीं कक्षा के बच्चों को अपने समक्ष बुलाकर उनके परिवेष से संबंधित प्रष्न पूछते हुए बच्चों के सीखने, समझने और ग्राह्य करने की क्षमता का परीक्षण किया। उन्होंने बच्चों से उनके आसपास पाए जाने वाले जीव-जंतुओं, सामानों और पारिवारिक सम्बन्धों के बारे में प्रष्न किए। अधिकांष बच्चों ने सवालों के सही उत्तर दिए। कमिष्नर ने बताया कि पिछले निरीक्षण के बाद से विद्यालय की शैक्षिक गुणवत्ता में काफी सुधार आया है। उन्होंने बताया कि पिछली बार बच्चों ने 46 प्रतिषत प्रष्नों के सही उत्तर दिए थे, किन्तु इस बार 76 प्रतिषत प्रष्नों के सही उत्तर दिए गए।
कमिष्नर ने षिक्षकों को निर्देषित किया कि अध्यापन के समय बच्चों के सीखने का स्तर का ध्यान रखते हुए पाठ्य सामग्री का अध्यापन कराएं, ताकि बच्चे सीखी हुई बात को पूरी तरह समझ सकें तथा लम्बे समय तक उनके स्मृति पटल पर जानकारी दर्ज रहे। उन्होंने कहा कि अध्यापन के समय षिक्षक-षिक्षिकाओं एवं बच्चों के बीच का वार्तालाप का स्तर समान हो, ताकि बच्चे षिक्षकों की बातों को पूरी तरह समझ सकें और ग्राह्य भी कर सकें। उन्हांेने बताया कि परस्पर संवाद के माध्यम से किया जाने वाला अध्यापन बच्चों के लिए उपयुक्त होता है। उन्होंने षिक्षकों से कहा कि अध्यापन के दौरान यह भी देखें कि बच्चे आपकी बात को कितने ध्यान से सुन रहे हैं अथवा नहीं सुन रहे हैं। यदि बच्चों का ध्यान पढ़ाई में नहीं लग रहा है तो इसका आषय यह है कि अध्याापन के लिए रोचक और ज्ञानवर्द्धक सहायक शैक्षिक सामग्रियों का उपयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि पाठ्यसामग्री की विस्तृत और महत्वपूर्ण जानकारी बच्चों को अध्यापन के दौरान हो जाए-यह सुनिष्चित करें।
कमिष्नर ने षिक्षकों से कहा कि अभिभावकों से सम्पर्क कर बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिष्चित करें। उन्होंने बच्चों के ज्ञान में उत्तरोत्तर वृद्धि के लिए उनका नियमित रूप से विद्यालय आना आवष्यक है। उन्होंने नियमित रूप से विद्यालय नहीं आने वाले बच्चों का बुद्धिमत्ता परीक्षण करते हुए षिक्षकों से कहा कि इन बच्चों के सीखने-समझने का स्तर तो अच्छा है, किन्तु नियमित उपस्थिति नहीं होने के कारण पाठ्यसामग्री की जानकारी ठीक तरह से नहीं है। उन्होंने षिक्षकों को बच्चों के परिवार, रहन-सहन, खानपान सहित पूरी जानकारी रखते हुए तद्नुरूप मार्गदर्षन देने के निर्देष दिए हैं। उन्होंने विद्यालयीन छात्र करन के दातों को देखते हुए षिक्षकों को निर्देषित किया कि उसके घर के समीप स्थित हेण्डपम्प के पानी की जांच करवाना सुनिष्चित करें। उन्होंने बताया कि पानी में फ्लोराईड की मात्रा हो सकती है। कमिष्नर ने 2 घण्टे तक विद्यार्थियों और षिक्षकों को निर्देषित करते हुए विद्यालय की शैक्षिक गुणवत्ता में उत्तरोत्तर सुधार करने के निर्देष दिए। उन्होने विद्यालय परिसर में बने प्रिफैब शौचालय में पानी का कनेक्षन कराने के निर्देष प्रधानाध्यापक को दिए हैं। इस दौरान डीएमसी श्री आषीष दुबे, प्रधानाध्यापक तेजपाल सिंह एवं षिक्षिकाएं संध्या सहाय, सरस्वती तिवारी, मधु गुप्ता एवं सुनीता गुप्ता एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।