जशपुर. आधी रात को गहरी नींद में सो रहे ग्रामीणों के घर में हाथियों के दल ने हमला कर दिया। घर टूटने की आवाज सुनकर जैसे ही ग्रामीणों की नींद खुली सामने हाथियों को खड़ा देखकर उनके होश उड़ गए। घटना जशपुर जिले के घोर हाथी प्रभावित तपकरा वन परिक्षेत्र की है।
जानकारी के अनुसार तपकरा वन परिक्षेत्र के अंतिम छोर में स्थित ग्राम तेलाइन में शुक्रवार और शनिवार के मध्य रात को तीन हाथियों का एक दल बस्ती में घुस आया। हाथियों के इस दल ने स्थानीय रहवासी दिलीप नाइक, महनु नाइक, रोहित पैंकरा, मोहन यादव और चक्रधर यादव के घरों को निशाना बनाया। अतिकायों ने इन ग्रामीणों के कच्चे मकान को ध्वस्त कर रखे हुए धान की दावत उड़ाई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार धान खा रहे हाथियों को बस्ती से दूर खदेड़ने के लिए उन्होनें हल्ला मचाया लेकिन इसका इन अतिकायों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। पेट भर धान खाने के बाद हाथियों का यह दल तड़के जंगल की ओर चला गया। ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों का यह दल बीते 10 दिनों से तेलाइन और इसके आसपास के जंगल में भटक रहा है। तेलाइन से पहले हाथियों ने कोतबा क्षेत्र में भी कुछ घरों को नुकसान पहुंचाया था।
फिलहाल घटना की सूचना पर वन और राजस्व विभाग के कर्मचारी पीड़ित ग्रामीणों को क्षतिपूर्ति राशि उपलब्ध कराने के लिए कागजी कार्रवाई पूर्ण करने में जुटे हुए हैं। ओडिशा और झारखंड की अंतरराज्यीय सीमा पर स्थित तपकरा वन परिक्षेत्र में हाथियों का साल भर हलचल बना रहता है। इन दोनों ही राज्यों में लगातार कम हो रही वन क्षेत्र और तेजी से पैर पसार रहे उद्योग व उत्खनन के कारण प्राकृतिक आवास छीन जाने से सुरक्षित आवास की तलाश में छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं। हाथी विशेषज्ञों का मानना है कि ये हाथी अब यहां स्थायी रूप से रहेगें।