आखिर में इतनी बड़ी राशि कहां-कहां गई किसी को नहीं मालूम। बैठक में यही चर्चा होते रही, लेकिन किसी ने इसका जवाब नहीं दे पाया। जिसको लेकर कई प्रकार की चर्चा होने लगी हैं। वहीं, आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं सचिव इस बात से खासे नाराज दिखे, तत्कालीन आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं समिति के सदस्यों द्वारा इस प्रकार के कृत्य किए जाने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। आखिर इतनी बड़ी राशि कहां गई, यह लोगों के जहन में सवाल खड़े हो रहे है। जाज्वलयदेव लोक महोत्सव का आयोजन लगातार जिला मुख्यालय में 10 वर्षो से ज्यादा समय से होते आ रहा है जिसमें समिति द्वारा लाखों रुपए खर्च कर आयोजन करती है। वहीं आयोजन के बाद लाखों रुपए समिति के अकाउंट में जमा रहती है। जिससे आने वाले वर्षों में फिर से आयोजन करा सकें, लेकिन 2 वर्षों से कोरोना के चलते यह आयोजन नहीं हो पाया है। लेकिन जिला प्रशासन भव्य रूप से आयोजन की तैयारी में लग गई है। जाज्वलयदेव लोक महोत्सव का आयोजन जिला प्रशासन एवं जिला पंचायत के संयुक्त सहयोग से होते आ रहा हैं।
आयोजन समिति में जिले के कलेक्टर एवं जिला पंचायत के सीईओ को अध्यक्ष एवं सचिव एवं अन्य विभागों से लोगों को समिति का सदस्य बनाया जाता है। जिनके निर्देश में पूरा कार्यक्रम संपन्न होता है। आयोजन समिति के तत्कालीन अध्यक्ष एवं सचिव के ऊपर यह आरोप लग रहा है कि इनके पीछे उन्हीं का हाथ रहा होगा, जिसके चलते इस वर्ष आयोजन समिति का अकाउंट खाली है। अब नए समिति के अध्यक्ष एवं सचिव को आयोजन के लिए बड़ी राशि इकट्ठा करने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। जिसको लेकर कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ गंभीर नजर आ रहे हैं, देखना होगा कि यह आयोजन अब कैसे संपन्न होता है।