मिशन 2024: छत्तीसगढ़ के इस लोकसभा के 8 विधानसभा में कांग्रेस का कब्जा… लेकिन प्रत्याशी को लेकर आपस में मतभेद.. बीजेपी शून्य लेकिन संगठन व कार्यकर्ताओ में एकजूटता..!

@संजय यादव

जांजगीर-चांपा। लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी अपनी जीत के लिए बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं. जन संपर्क के माध्यम से वोटरों को साधने में लगे हैं. जांजगीर चांपा लोकसभा में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा हैं. जांजगीर चांपा लोकसभा के आठ विधानसभा में कांग्रेस विधायक होने के कारण कांग्रेस प्रत्याशी को अपनी जीत का भरोसा है, तो वही भाजपा प्रत्याशी को मोदी की गारंटी पर विश्वास है। लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान दोनों पार्टी के कार्यकर्ताओं एवं संगठन पदाधिकारियों में जमीन आसमान का अंतर दिखाई दे रहा है. एन चुनाव के वक्त जहां भारतीय जनता पार्टी के संगठन में मजबूती एवं अनुशासन दिख रहा है तो वहीं कांग्रेस पार्टी के संगठन में बिखराव दिख रहा हैं. संगठन के पदाधिकारी अलग-अलग दिखाई दे रहे हैं. पार्टी की जिम्मेदारी से दूरी बना लिए हैं . जिसका खामियाजा कांग्रेस प्रत्याशी शिव डाहरिया को भुगतना पड़ रहा हैं। जांजगीर चांपा लोकसभा के आठ विधानसभा में कांग्रेस का कब्जा है लेकिन प्रत्याशी को लेकर विधायकों में आपसी मतभेद हैं।

कांग्रेस प्रत्याशी भले ही अपने आठ विधायकों के ऊपर भरोसा जताकर आज जनता के पास वोट मांगने जा रहे हैं लेकिन पार्टी के ही कार्यकर्ताओ एवं पदाधिकारीओ से दूरी बनाए हुए हैं. छोटे कार्यकर्ताओ एवं पदाधिकारीओ का शिकायत है कि जिला कांग्रेस कमेटी में दो-चार लोगों का ही वर्चस्व है जिसके कारण अपनी मनमानी चलाते हैं,बाकी किसी कार्यकर्ताओं को कुछ नहीं समझते। बड़े नेताओं के आगमन पर ऐसे कई मौके आए जिसमे ब्लाक स्तर के पदाधिकारियों का उपेक्षा किया गया. न उन्हें किसी प्रकार की जिम्मेदारी दी जा रही हैं, न ही उनकी पूछ परख की जा रही हैं. जिसके परिणाम स्वरूप कई बड़े पार्टी के कार्यकर्ता व पदाधिकारी पार्टी से इस्तीफा दे दिए।

इसका उदाहरण हाल ही में हुए कांग्रेस इलेक्शन कमेटी के बैठक जो हुआ वह सबके सामने उजागर हो गया हैं. कार्यकर्ताओं में मतभेद देखने को मिला.आपस में ही उलझते देखा गया। लेकिन भारतीय जनता पार्टी में ऐसा नहीं हैं, पार्टी कार्यकर्ता एवं संगठन के पदाधिकारी अनुशासन में रहकर पार्टी के लिए मजबूती से काम करते हैं जिसके चलते भाजपा प्रत्याशी अपनी जीत आसान लग रही हैं. जांजगीर चांपा लोकसभा में भले ही भारतीय जनता पार्टी के एक भी विधायक नहीं हैं, लेकिन बीजेपी के कार्यकर्ता अपने प्रत्याशी को जिताने में डटे हुए है। भारतीय जनता पार्टी में पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता अनुशासित एवं मर्यादित रह कर पार्टी लाइन में काम करते हैं.

हालांकि यह कहना आसान नहीं होगा कि किसी के लिए भी लोकसभा चुनाव जितना आसान लग रहा हैं. दोनों पार्टी के प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा हैं. दोनों अपने-अपने वादे एवं दावे के साथ जनता से मिल रहे हैं. दोनों प्रत्याशी ने अपना नामांकन दाखिल कर प्रचार प्रसार का आगाज कर दिया हैं।