
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा दुर्ग में आयोजित राज्यस्तरीय सम्मेलन के दौरान दिए गए बयान पर सियासी घमासान तेज हो गया है। भूपेश ने अपने वक्तव्य में कहा था कि मुगल शासन के दौर में भी हिंदू कभी खतरे में नहीं थे और भाजपा व आरएसएस डर का माहौल बनाकर चुनाव जीतती हैं। इस बयान पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भूपेश को सार्वजनिक मंच से ऐसे बयान देने से पहले देश का इतिहास गंभीरता से पढ़ना चाहिए।
अजय चंद्राकर ने कहा कि बिना तथ्य और संदर्भ के बयान देना कांग्रेस की पुरानी आदत रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि फारूक अब्दुल्ला, मोहम्मद अली जिन्ना और लियाकत अली खान के पूर्वजों का धर्मांतरण किन परिस्थितियों में हुआ, इस पर भी चर्चा होनी चाहिए। इतिहास केवल चयनित तथ्यों से नहीं, बल्कि पूरे संदर्भ के साथ समझा जाना चाहिए।
उन्होंने कश्मीर की बदलती जनसांख्यिकी का हवाला देते हुए कहा कि वहां की डेमोग्राफी कभी क्या थी और समय के साथ उसमें बदलाव क्यों आया, इस पर अध्ययन के बाद ही बहस करना चाहिए। विधायक ने कहा कि इतिहास के जटिल तथ्यों को नजरअंदाज कर राजनीतिक बयानबाजी करना उचित नहीं है। अजय चंद्राकर ने कांग्रेस नेताओं को नसीहत दी कि वे पहले भारत के इतिहास का गंभीर अध्ययन करें, उसके बाद इस तरह के बयान दें।
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