• महापौर एवं पार्षद निधि का हो सकेगा कोरोना नियंत्रण एवं उपचार की व्यवस्था में उपयोग
• कोरोना जांच के बिना किसी को राज्य की सीमा में प्रवेश की अनुमति नहीं
• कलेक्टरों को राज्य के चेकपोस्टों, बस स्टेंडों, रेल्वे स्टेशनों में अन्य राज्यों से आने वाले लोगों की टेस्टिंग की व्यवस्था के निर्देश
• रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति सिर्फ अस्पतालों को ही होगी
• कोरोना लक्षण वाले लोगों को तत्काल दिए जाएं दवाओं के किट
• नगर निगमों को उनकी डिमांड के अनुसार इलेक्ट्रिक शवदाह गृह की स्थापना की स्वीकृति देने के निर्देश
• राजनीतिक दलों एवं स्वयंसेवी-समाजसेवी संस्थाओं और दानदाताओं के सहयोग से जरूरतमंदों के लिए सूखा राशन एवं गर्म भोजन की व्यवस्था सुनश्चित करने के निर्देश
• मुख्यमंत्री ने मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव में अव्यवस्था को लेकर जताई नाराजगी: अस्पताल अधीक्षक को हटाने के निर्देश
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज राज्य के नगर निगम क्षेत्रों में कोरोना महामारी के नियंत्रण, उपचार एवं जरूरतमंद लोगों की मदद के संबंध में महापौर, कलेक्टर एवं निगम आयुक्तों की वर्चुअल बैठक लेकर अद्यतन स्थिति की गहन समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की गंभीर चुनौती हमारे सामने है। राज्य के नगरीय इलाकों में विशेषकर नगर निगम क्षेत्रों में कोरोना संक्रमितों की संख्या अत्यधिक है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में निगम क्षेत्रों में साफ-सफाई, मेडिकल वेस्ट के निष्पादन, होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को दवाओं तथा राशन, फल-सब्जी के आपूर्ति की व्यवस्था की बड़ी जिम्मेदारी नगर निगमों पर है। उन्होंने कोरोना संकट काल में उक्त जिम्मेदारियों के सफल निर्वहन के लिए नगरीय निकायों के पदाधिकारियों एवं अधिकारियों-कर्मचारियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि कोरोना की चुनौती से निपटने के लिए हम सबको बिना थके, बिना रूके सामंजस्य के साथ काम करना है। उन्होंने कहा कि लोगों को किसी भी तरह की असुविधा न हो, इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आगे कहा कि कोरोना के मरीजों को उनके जरूरत के अनुरूप रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति अस्पतालों के माध्यम से की जाएगी। उन्होंने राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन एवं अन्य उपचारात्मक व्यवस्थाओं के संबंध में मिली शिकायत पर नाराजगी जताई और अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्रीमती रेणु जी. पिल्ले को तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी चिकित्सालयों में अग्निशमन की व्यवस्था की जांच-पड़ताल के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना लक्षण वाले लोगों को तत्काल दवाओं की किट प्रदाय किए जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने कोरोना से संक्रमित ऐसे लोग, जो होम आइसोलेशन में रहकर उपचार करा रहे हैं, उनके परिजनों को संक्रमण से बचाने के लिए मार्गदर्शन एवं एहतियाती तौर पर आवश्यक दवाएं भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कोरोना संकट काल में राज्य के सार्वजनिक वितरण प्रणाली उपभोक्ताओं को मई एवं जून माह का राशन एकमुश्त उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने लॉकडाउन की अवधि में राजनीतिक दल और दानदाताओं के सहयोग से जरूरतमंदों को सूखा राशन एवं गर्म भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश कलेक्टरों एवं निगम आयुक्तों को दिए। मुख्यमंत्री ने बाहर से आने वाले श्रमिकों एवं अन्य लोगों की कोरोना टेस्टिंग की व्यवस्था के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इसके लिए रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंडो, एवं राज्य के सीमावर्ती चेक पोस्टों पर कोरोना टेस्टिंग टीम अनिवार्य रूप से तैनात की जानी चाहिए। बिना टेस्टिंग बाहर से आने वाले को राज्य की सीमा में प्रवेश न दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि नगर निगमों को उनके प्रस्ताव के अनुसार इलेक्ट्रिक शवदाह गृह की स्थापना की मंजूरी दी जाएगी। राज्य सरकार द्वारा आगामी एक मई से राज्य में 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों को कोरोना का टीका लगाए जाने के निर्णय के क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की कमेटी गठित किए जाने तथा टीकाकरण की कार्ययोजना तैयार करने के भी निर्देश दिए।
स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने वर्चुअल बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में राज्य में कुल कोरोना संक्रमितों में से 43 प्रतिशत लोग शहरी क्षेत्रों के हैं। कोरोना संक्रमितों के उपचार को लेकर सबसे ज्यादा दबाव भी शहरी क्षेत्रों में है। उन्होेंने मेडिकल कॉलेजों में आईसीयू बेड की संख्या बढ़ाए जाने के संबंध में की जा रही कार्यवाही की जानकारी दी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्था की शिकायत के मद्देनजर वहां के अस्पताल अधीक्षक को हटाने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति एवं आरटीपीसीआर टेस्ट सेम्पल लिए जाने के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी। बैठक को नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने साफ-सफाई व्यवस्था में लगे कर्मियों को सुरक्षा उपकरण जैसे मास्क, हैण्डग्लोब्स एवं अन्य संसाधन उपलब्ध कराने के निर्देश निगम आयुक्तों को दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश अनुसार महापौर एवं पार्षद निधि से कोरोना पीड़ितों के इलाज के लिए दवाएं उपकरण एवं अन्य व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने गर्मी के मौसम को देखते हुए नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति तथा पीलिया की रोकथाम के लिए विशेष उपाय किए जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव अमिताभ जैन एवं अपर मुख्य सचिव गृह सुब्रत साहू ने कलेक्टर एवं निगम आयुक्तों को लॉकडाउन के अवधि में आवश्यक सामग्रियों की होम डिलिवरी, नगरीय क्षेत्रों में रिक्त भवनों को कोविड केयर सेंटर के रूप में स्थापित करने हेतु स्वास्थ्य विभाग को सौंपने, जरूरतमंदों को फूड पैकेट का वितरण सुनिश्चित करने के साथ ही लोगों की सहूलियत के लिए कंट्रोल रूम स्थापित करने निर्देश दिए। बैठक के शुरूआती दौर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक-एक कर सभी नगर निगम क्षेत्रों के महापौर, कलेक्टर एवं निगम आयुक्तों से साफ-सफाई, होम आइसोलेशन, वैक्सीनेशन, सब्जी-फल एवं राशन की सप्लाई, गरीबों एवं निराश्रितों के लिए सूखा राशन एवं भोजन की व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी और नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव अलरमेलमंगई डी. भी मौजूद थी।