प्रधानमंत्री के नाम की योजना का धजजीया उड़ा रहा जनपद क्षेञ ओडगी
ओडगी (शशांक प्रताप सिंह) सूरजपुर को जिला बने पांच वर्षों से ज्यादा दिन भले ही क्यों ना हो गये हो, भले ही शासन के विकास का कार्य जोरों से हो.. या भ्रष्टाचार खत्म करने के उद्देश्य से सरकार के द्वारा सूरजपुर को जिला बना दिया गया, लेकिन जिला मे कोई ऐसा अधिकारी नहीं है जो जमीनी स्तर के कर्मचारीयों के द्वारा किये जा रहे खुलेआम मनमानी निर्माण कार्य और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में सक्षम हो। जिससे ऐसे घटिया स्तर के कर्मचारी घटिया निर्माण ना करा सके।
मामला जिले के ओडगी विकास खंड अंतर्गत ग्राम पंचायत बेदमी का है, जहां सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पी एम् आवास योजना जिससे एक गरीब को छत मिल सके इसके उद्देश्य से केन्द्र सरकार द्वारा हर गरीब को पक्का मकान देने के लिए एक योजना बनाया जिस योजना में कई आधारभूत परिवर्तन करके इसका नाम बदलकर प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण कर दिया.. वहीं इसके पूर्व की योजना इंदिरा आवास योजना में भारी भररासाही होता देख सरकार ने योजना का नाम बदल दिया। लेकिन शासन कुछ भी कर ले जब तक प्रशासनिक अधिकारियों में बदलाव नही होगा तब तक किसी भी योजना में खुलेआम भ्रष्टाचार होना खत्म नही होगा। क्योंकी यह अधिकारी कैसा निर्माण कार्य हो रहा है इससे मतलब नहीं रखते या कहें कि शिकायत हो या अखबार में समाचार प्रकाशन को देखते ही कार्यवाही एवं जांच की जगह संबंधित कर्मचारी से कमीशन की सेटींग करना चालू कर देते है।
हालाकी थोड़ा मोडा दिखावा के लिए सुधार करने को कहा जाता है, लेकिन इसका खामियाजा आखीरी तक संबंधित हितग्राहियों को भुगतना पड़ता है। ऐसा ही घटिया सामग्रियों का उपयोग कर आवास निर्माण करवाने का मामला सामने आया है। जो जनपद पंचायत ओडगी अंतर्गत ग्राम पंचायत बेदमी में गरीबों के आवास निर्माण में वहीं के रोजगार सहायक के द्वारा हितग्राहियों का आवास खुद अपने मनमरजी तरीके से बनवाया जा रहा है। जिसमें हितग्राहियों की एक भी बात नहीं चल रहा है..
हितग्राहियों पर सिर्फ राशि आने के बाद उनको घर से बैठा कर बैंक लाकर सिर्फ पैसा निकलवाने का काम करवाया जाता है। ग्राम पंचायत बेदमी की एक महिला हितग्राही लिला पिता रामचलितर ने बताया कि रोजगार सहायक के द्वारा जबरन घटिया लाल ईटा मेरे घर के पास लाकर गिराने लगा, मेरे मना करने के बाद कहने लगा की मेरे से नहीं बनवाओगे तो तुम्हारा आवास का लिस्ट से नाम कटवा दूंगा। वहीं यह बेवा महीला ने बताया कि आज सिर्फ एक दिन के बरसात होने से आधा ईटा गल गया है और वहीं इस काम को देखने कोई अधिकारी इंजीनियर तक नहीं आते है। तो मैं किसके पास शिकायत करने जाऊँ लेकिन वहीं इसकी जानकारी जनपद सीईओ एवं इंजिनीयर को होने के बाद भी प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी योजना और इनके सपने को जनपद पंचायत के अधिकारी जांच कर कार्यवाही करने के जगह चेंमबर में बैठकर कागजो में आवासो की प्रगति रिपोर्ट तैयार कर शासन के आखो मे धूल झोंक रहे है.. और साथ ही घटिया सामग्रियों से आवास निर्माण में संरक्षण दिये बैठें हुए हैं।
इस संबंध में सब इंजिनीयर श्री पैकरा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं जाकर देखता हूँ फिर कार्यवाही की जाएगी ।
वही जिम्मेदार अधिकारी जनपद सीईओ एस.के.मरकाम से उनका पक्ष जानने के लिए कई बार फोन किया गया लेकिन उनके द्वारा फोन उठाना उचित नहीं समझा गया।