अम्बिकापुर। आज़ादी के 70 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं का दंश झेल रहे मैनपाट क्षेत्र के कदनई में फिर नजर एक दर्दनाक नज़ारा सामने आया है। जो बेहद ही दर्दनाक और संवेदनशील है, और यकीन मानिए इस तस्वीर को देखने के बाद आप चुनाव के समय घर घर आकर वोट मांगने वाले नेताओं को जरूर कोसेंगे। जो चुनाव के समय विकास के बड़े बड़े वायदे करके जाते हैं, लेकिन सत्ता पर विराजमान होने के बाद भूल जाते हैं।
दरअसल छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले सरगुजा के मैनपाट ब्लॉक के कदनई गांव में प्रसव पीड़ित एक महिला को गांव के व्यक्तियों का एक समूह झेलगी में बैठाकर तेज बहती नदी पार करा रहे हैं, और ऐसा इसलिए क्योंकि वहां नदी पार करने के लिए पुल की सुविधा नहीं है, और महिला को अस्पताल ले जाना जरूरी है। बता दें कि इस इलाक़े में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। बरसात के दिनों में इस गांव के लोग जब बीमार पड़ जाते हैं या कुछ कार्य से इस पार जाना होता है, तो तेज बहती नदी पार करते हैं।
गौरतलब है कि यह गांव प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत का विधानसभा क्षेत्र में है। जहाँ जुगाड के स्ट्रेटर झलगी से नदी में तेज बहाव के बावजूद जान जोखिम में डालकर ढोकर प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को नदी पार कराया गया।
कदनई गांव हर साल बारिश के दिनों में पहुंचविहीन पंचायत बन जाता है, बावजूद इसके यहां सुविधा मुहैया नहीं करायी जाती। वहीं सीतापुर विधानसभा क्षेत्र से चौथी बार विधायक बने अमरजीत भगत पहुंचविहीन गांवों में विकास के दावों की बात करते नहीं थकते। बाजवूद इसके ऐसी तस्वीर समझ से परे है।