
रायपुर। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार का रास्ता साफ हो गया है। बुधवार सुबह 10:30 बजे राजभवन में शपथग्रहण समारोह होगा। इस संबंध में आधिकारिक पत्र जारी कर दिया गया है। हालांकि कितने विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा, इसे लेकर अभी तक सस्पेंस बरकरार है। माना जा रहा है कि इस विस्तार में जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों का खास ध्यान रखा जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि इस बार कैबिनेट में सीनियर और पहली बार चुनाव जीते दोनों तरह के विधायकों को जगह मिल सकती है। हरियाणा मॉडल अपनाया गया तो तीन विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी, वहीं छत्तीसगढ़ मॉडल पर सिर्फ दो ही नए चेहरे शामिल किए जाएंगे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के विदेश दौरे से पहले इस राजनीतिक समीकरण को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
भाजपा विधायक दल के सचेतक सुशांत शुक्ला ने पत्र जारी कर शपथग्रहण कार्यक्रम की पुष्टि की है। तीन नई गाड़ियों को स्टेट गैरेज से राजभवन भेजा जा चुका है और संभावित मंत्रियों को संदेश भी भेज दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, दुर्ग विधायक गजेंद्र यादव, अम्बिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल और आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। हालांकि पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल और राजेश मूणत का नाम भी दौड़ में शामिल है।
सूत्रों के मुताबिक नए मंत्रियों की एंट्री से मौजूदा मंत्रियों के विभागों में कोई फेरबदल नहीं होगा। सभी पुराने मंत्री अपने पद पर बने रहेंगे, सिर्फ टीम में नए चेहरों को जोड़ा जाएगा। इससे पहले अटकलें लगाई जा रही थीं कि पुराने मंत्रियों से इस्तीफा लिया जा सकता है, लेकिन अब इसकी संभावना खत्म हो गई है।
इधर, कैबिनेट विस्तार के साथ ही संसदीय सचिवों की भी घोषणा होने की चर्चा तेज है। सीनियर और जूनियर विधायकों को संसदीय सचिव की जिम्मेदारी दी जा सकती है। गौरतलब है कि संसदीय सचिव की परंपरा छत्तीसगढ़ में डॉ. रमन सिंह की सरकार ने शुरू की थी, जिसे ‘मिनी कैबिनेट’ भी कहा जाता है।