बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..प्रदेश में नई खनिज नीति लागू होने के बावजूद भी रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन पर लगाम नही लग पाया है..और धड़ल्ले से यह अवैध कारोबार फल फूल रहा है..वही ग्रामीणों का आरोप है..की स्थानीय जनप्रतिनिधि मंदिर ट्रस्ट के नामपर एक बड़े कंट्रक्शन कम्पनी को रेत की सप्लाई का कारोबार कर रहे है..और स्थानीय प्रशासन से भी कई बार शिकायत करने के बावजूद भी इस मामले में कार्यवाही नही की गई है..
दरअसल इन दिनों रेत माफियाओं की नजर जिले के वाड्रफनगर विकासखण्ड के ग्राम परसडीहा से होकर गुजरने वाली मोरन नदी पर है..जहाँ ना सिर्फ रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है..बल्कि लाखो की रॉयल्टी चोरी का खेल चल रहा है..गांव के ग्रामीणों की माने तो मोरन नदी के रेत का सप्लाई एक बड़ी कंट्रक्शन कम्पनी को कांग्रेस समर्थित जनप्रतिनिधियों की सह पर किया जा रहा है..और ग्रामीण जनप्रतिनिधि मंदिर ट्रस्ट के नाम पर रेत माफियाओं से उगाही करने में जुटे है..
ऐसा नही है..की इस मामले की जानकारी स्थानीय प्रशासन समेत खनिज विभाग नही है..लेकिन अधिकारियों का महज दो टूक जवाब ही सुनने में आता है..”की संज्ञान लेकर मामले में कार्यवाही करेंगे”..जबकि ग्रामीणों की लिखित शिकायते सरकारी दफ्तर के कचरे की डिब्बे के शोभा बढ़ा रहे है..खनिज निरीक्षक का कहना है..की वे इस सम्बंध में वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर कार्यवाही करेंगे..लेकिन साहब कब चर्चा करेंगे..और कार्यवाही कब करेंगे?..
बता दे कि खनिज नीति के तहत जिले में तीन रेत खदानों से रेत उत्खनन करने का ठेका दिया गया है..मगर प्रशासन की उस फेहरिस्त में पड़ोसी जिले सूरजपुर की सीमा से सटे मोरन नदी का नाम शमिल नही है..बावजूद इसके बगैर रोक टोक रेत का उत्खनन कई सन्देहों को जन्म दे रहा है..और ग्रामीण जनप्रतिनिधियों की इस मामले में मौन स्वीकृति समझ से परे है..