बलरामपुर। सरकार जहाँ एक ओर समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं को पहुंचाने का दावा करती हैं, तो वही दूसरी ओर इस दावे की पोल खुलती नजर आ रही है। दरअसल, बलरामपुर ब्लाक के दालधोवा में ऐसे भी ग्रामीण है। जिन्हे शासन की योजनाओं का लाभ नही मिल पा रहा है। राशन कार्ड तक नही बन पाए है, जबकि जिला मुख्यालय से इस गांव की दूरी महज 8 से 10 किलोमीटर है। इधर जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि उन्हे इस संबंध में जानकारी नही थी और वे अब संज्ञान में लेकर इस पर काम करेंगे।
बता दे कि, बलरामपुर जनपद पंचायत मे दलधोवा गाँव के भूइहर पारा में ऐसे भी परिवार निवासरत है। जिनके पास न तो आधार कार्ड हैं, और न ही राशन कार्ड हैं और ना ही इनका नाम वोटर लिस्ट मे हैं। एक परिवार मे तो कुल 6 सदस्य हैं और परिवार का मुखिया मजदूरी करके अपना परिवार चला रहा हैं। इनके पास रहने के लिए ठीक से घर भी नहीं हैं। मिट्टी से बनी चार दिवारी और प्लास्टिक की छत वाली झोपड़ीनुमा घर में इनका जीवन बस यूं ही कट रहा है। इस परिवार का मुखिया पन्ना भूइहर हैं जो मजदूरी के लिए कभी कभार अपने परिवार समेत दूसरे राज्य मे भी चला जाता हैं।
पन्ना का आरोप है कि राशन कार्ड बनवाने के लिए उपसरपंच उनसे पैसो की मांग करता हैं। जिसको देने के लिए पन्ना असमर्थ है। गाँव के कुछ और ग्रामीणों ने भी उपसरपंच पर पैसा लेकर राशन कार्ड बनवाने का आरोप लगाया है। पन्ना की आर्थिक स्थिति का अंदाजा आप उसके झोपडी नुमा घर से लगा सकते है लेकिन इस बात की जानकरी गाँव के सरपंच और सचिव को भी है। बावजूद अभी तक इस परिवार को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल सका है।
इससे आप समझ सकते है की प्रशासन सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए किस तरह से लापरवाह है। जिसका खामियाजा पन्ना जैसे ग्रामीणों को भुगतना पड़ता है। हालांकि मामला सामने आने के बाद अब जनपद पंचायत के सीईओ ने पन्ना को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने की बात तो कही है, लेकिन सवाल यही हैं की पंचायत सचिव आखिर अभी तक क्या कर रहे थे। जिनके पास गाँव मे शासन की तमाम योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी होती हैं।