बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..देश मे शासकीय कार्यो में पारदर्शिता लाने (जम्मू &कश्मीर को छोड़ कर) सूचना अधिकार अधिनियम बनाया गया था..जिसके तहत आम लोगो को शासकीय योजनाओं समेत अन्य शासकीय कार्यो के प्रमाणित छाया प्रति मिल सके व शासकीय अभिलेखों का आमजन अवलोकन कर सके ऐसा प्रावधान निहित किया गया था..वही अब इस अधिनियम की भी खुलेआम धज्जिया उड़ाई जा रही है..अपीलीय अधिकारियों के आदेश के बावजूद भी कई ऐसे अधिकारी है..जो सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी देने में हिलाहवाला करने का मामला सामने आया है..
दरअसल सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आवेदक ने बीते वर्ष जिला पंचायत संसाधन केंद्र में विभिन्न शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन के सबन्ध में बीते 2 वर्षो में दिए गए प्रशिक्षण की जानकारी मांगी थी..लेकिन जन सूचना अधिकरी जिला पंचायत संसाधन केंद्र के (प्राचार्य) चन्द्रमा यादव व संकाय सदस्य जयप्रकाश गुप्ता के द्वारा जानकारी नही दी गई..जिसके बाद आवेदक ने नियमानुसार प्रथम अपीलीय अधिकारी सीईओ जिला पंचायत से उक्त जानकारी चाहने अपील की थी..और इस मसले पर सुनवाई करते हुए..जिला पंचायत सीईओ ने सम्बन्धित अधिकारियों को आवेदक को जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे..लेकिन 6 माह बीतने के बाद भी आज तक ना जिला पंचायत संसाधन केंद्र ने आवेदक से किसी प्रकार पत्राचार किया और ना उन्हें जानकारी उपलब्ध कराई है..हालांकि अब यह मामला राज्य सूचना आयोग में विचाराधीन है..
बहरहाल जिस तरीके से यहाँ सूचना अधिकार अधिनियम की धज्जियां उड़ाई जा रही है..उससे ऐसा प्रतीत होता है..की कही ना कही पर आवेदक द्वारा मांगे गए दस्तावेजो में कागजी खानापूर्ति हुई होगी..और शायद यही वजह है..की जिम्मेदार अधिकारी आवेदक के आवेदन के साथ ही साथ प्रथम अपीलीय अधिकारी के उस आदेश को दबाये बैठे है..जिसमे उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है..की जानकारी अविलम्ब उपलब्ध करा दी जावे..
इस मसले का एक पहलू यह भी है..की प्रथम अपीलीय अधिकारी यानि जिला पंचायत सीईओ से आवेदक निरंतर सम्पर्क में रहा है..और हर बार की तरह ही उसे आश्वासन ही मिलता रहा है..जिससे यह परिलक्षित होता है..की उनका अपने मातहतों पर लगाम नही है..और शायद इसी वजह से वे बेलगाम हो गए है..