कांकेर : महात्मा गाँधी का कहना था कि भारत का दिल उसके गांव में बसता है। गांव को सशक्त बनाने से ही भारत तेजी से विकास करेगा। उनकी इसी सोंच के अनुरूप कुलगांव में मल्टीपरपस ट्रेंनिंग हब तैयार किया जा रहा है। इसके लिए कुलगांव का ही चयन इसलिए किया गया क्योंकि यहां के ग्रामीणों ने लाख पालन में उत्कृष्ट कार्य किया। उनके इस काम को देखने सिखने देशभर से लाख पालन से जुड़े लोग पहुंचते है। लगभग 31 एकड़ में बनने वाले इस ट्रैंनिंग हब में लाख पालन के आलावा मधुमक्खी पालन , बकरी पालन डेयरी उद्योग , प्राकृतिक चिकित्सा जैविक कृषि आदि की ट्रेंनिंग के प्रबंध होंगे। पुरे ट्रेंनिंग हब को प्राकृतिक रूप देने यहां ट्रेंनिंग हाल और 100 लोगों रुकने के प्रबंध देशी तरीके से किये जाएंगे।
कुलगांव में होती है लाख की खेती
शहर से 10 किमी दूर नेशनल हाईवे पर बसे ग्राम कुलगांव ने लाख पालन में नाम कमाया है यहां के कुल 100 में से 80 परिवार के लोग लाख पालन करते है। यहां 1300 कुसुम ,बेर और फरसा के पेड़ों में लाख पालन होता है। औसतन एक पेड़ से एक साल में 50 हजार तक आय होती थी। गांव के लोगों ने लाख और जंगल के महत्व समझते हुए लाख पालन में उपयोगी फरसा के 1200 पौधे लगाए और वो आज पेड़ का रूप लेने लगे है।
31 एकड़ में तैयार होगा सेंटर
शासन – प्रशासन ग्रामीणों के इस कार्य को और आगे बढ़ाना चाहते है इसी के अंतर्गत 31 एकड़ में मल्टीपरपज ट्रेंनिंग हब बनाने का काम चल रहा है। मल्टीपरपज ट्रेंनिंग हब का नाम गाँधी ग्राम रखा गया है। इसे पूरी तरह प्राकृतिक रूप देने के लिए कंक्रीट की जगह बांस बल्लियों के सहारे तैयार किया जाएगा। यहां लाख पालन तकनीक देखने और समझने बड़ी संख्या में लोग आ रहे है।
गांव के युवाओं के लिए रोजगार –
पहले यहां लाख पालन ट्रेंनिंग सेंटर बनाने का विचार किया जा रहा था लेकिन गांव के लोगों का उत्साह देखते हुए यहां मल्टीपरपज ट्रेंनिंग हब
बनाया जा रहा है यहाँ लाख पालन के सांथ मछली पालन , मधुमक्खी पालन बकरी पालन , डेयरी उद्योग प्राकृतिक चिकित्सा , जैविक कृषि , हाथकरघा जैसी तमाम ट्रेंनिंग दी जाएगी इससे गांव के लोगो को रोजगार मिलेगा।